37वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला में पहुँच रहे पर्यटकों का मुख्य चौपाल एवं छोटी चौपाल पर देशी-विदेशी कलाकार अपनी शानदार प्रस्तुतियों से मनोरंजन कर रहे हैं। हरियाणवी हास्य कलाकार मास्टर महेंद्र भी अपने हास्य व्यंग से समाज में व्यापक नशाखोरी समाप्त करने का सन्देश भी दे रहे हैं।
अफ़्रीकी देश घाना से आये कलाकारों ने अपने फोल्क नृत्य घाना सींची, घाना सांगा की प्रस्तुति देकर दर्शकों को घाना देश की संस्कृति से रूबरू कराया। इसी कड़ी में ज़ाम्बिया के कलाकारों ने पारंपरिक “मैला नृत्य” किया जिसमें कलाकारों ने जलती अग्नि को मुख में धारण किया। इस नृत्य से उन्होंने अग्नि समान सामाजिक बुराइयों को दूर करने का सन्देश दिया।
मुख्य चौपाल पर युरोपियाई देश बेलारूस से आये कलाकारों ने शानदार गीत की प्रस्तुति पर पर्यटकों की खूब तालियाँ बटोरी। अपने ही देश की कलाकार बेहतरीन कलाकार तुलिका पराशर ने बॉलीवुड गीतों पर भरत नाट्यम कर मंच पर धमाल मचा दिया। गाम्बिया के कलाकारों ने अपने देश के प्रचलित डांस फॉर्म “अमीसोसे” कर तथा अपनी बांसुरियों की सुरीली तान से लोगों को मंत्रमुग्ध किया।
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