डीसी विक्रम सिंह ने बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु के स्व-रोजगार के आधार पर असंगठित क्षेत्र में हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगर या शिल्पकार आते हैं। वहीं सरकार के दिशा-निर्देशों में निर्दिष्ट अनुसार जो परिवार-आधारित पारंपरिक व्यवसायों में लगे हुए हैं वह भी शामिल हैं। ऐसे लाभार्थी द्वारा स्वरोजगार/ व्यवसाय विकास के लिए केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा पिछले 5 वर्षों में सरकार द्वारा क्रियान्वित की जा रहीं क्रेडिट-आधारित योजनाओं जैसे पीएमईजीपी, पीएम स्वनिधि, मुद्रा योजना के तहत ऋण नहीं लिया गया हो।
हालांकि मुद्रा और स्वनिधि के लाभार्थी जिन्होंने अपना ऋण चुका दिया है, पीएम विश्वकर्मा के तहत पात्र होंगे। वहीं 5 वर्ष की इस अवधि की गणना ऋण स्वीकृत होने की तिथि से की जाएगी। योजना के तहत पंजीकरण और लाभ परिवार के एक सदस्य तक ही सीमित रहेगा। एक परिवार को पति, पत्नी और अविवाहित बच्चों को मिलाकर परिभाषित किया गया है। सरकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति और उनके परिवार के सदस्य इस योजना के तहत पात्र नहीं होंगे।
प्रारंभ में पीएम विश्वकर्मा के अंतर्गत आने वाले ट्रेड-
पीएम विश्वकर्मा योजना में लकड़ी का कार्य करने वाले बढ़ई, सोना/चांदी आधारित सुनार, नाव बनाने वाला, मिट्टी आधारित कुम्हार, लौह/धातु/पत्थर आधारित अस्त्रकार, लौहार, नाई, मालाकार, मोची, हथोडा टूलकिट निर्माता, राजमिस्त्री, धोबी, दर्जी, मूर्तिकार आदि शामिल हैं। इन सभी को पीएम विश्वकर्मा के तहत लाभार्थियों का भागीदार बनाया जाएगा। इसके अलावा पंजीकरण कराने पर पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र तथा आईडी कार्ड भी दिया जाएगा। क्रेडिट सहायता, कौशल उन्नयन, टूलकिट प्रोत्साहन, डिजिटल प्रोत्साहन, विपणन सहायता जैसे लाभ भी दिए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना में पंजीकरण करवाने पर प्रमाण-पत्र व आईडी कार्ड तथा क्रेडिट सपोर्ट हेतु बिना जमानत के उद्यम विकास ऋण की पहली किश्त एक लाख रुपए 18 महीने में चुकानी होगी। वहीं दूसरी किश्त दो लाख रुपये तक 30 महीने में चुकानी होगी। ऋण पर 5 प्रतिशत की दर से रियायती ब्याज दर लागू रहेगी और ऋण प्राप्त करने के लिए किसी जमानत (कोलेटरल) की आवश्यकता नहीं होगी।
इसके अलावा ऋण की दूसरी किश्त उन कुशल लाभार्थियों के लिए उपलब्ध होगी, जो एक स्टेंडर लोन एकाउंट रखते हैं और जिन्होंने अपने व्यवसाय में डिजिटल लेनदेन को अपनाया है या उन्नत कौशल प्रशिक्षण प्राप्त किया है। ऐसे लाभार्थियों को दूसरी किश्त का लाभ उठाने से पहले उन्हें ऋण की पहली किश्त चुकानी होगी। कौशल उन्नयन के लिए कौशल सत्यापन और उसके बाद 05 दिनों की बेसिक ट्रेनिंग होगी तथा 15 दिन या उससे अधिक समय का उन्नत कौशल प्रशिक्षण जरूरी किया गया है।
यह रहेगी पंजीकरण करने की प्रक्रिया-
पंजीकरण कॉमन सर्विस सेंटर, अटल सेवा केंद्रों के माध्यम से किया जाएगा और साथ ही पीएम विश्वकर्मा पोर्टल पर आधार बेसड बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण द्वारा ऑनलाइन आवेदन भी किया जाएगा। रजिस्ट्रेशन के लिए प्रार्थी का आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, बैंक विवरण, राशन कार्ड आदि दस्तावेजों का होना जरूरी है। यदि किसी लाभार्थी के पास राशन कार्ड नहीं है, तो ऐसी परिस्थिति में उन्हें परिवार के सभी सदस्यों के आधार कार्ड प्रस्तुत करने होंगे। पीएम विश्वकर्मा के तहत पंजीकरण, नामांकन के लिए कोई शुल्क नहीं होगा।
पंजीकरण के बाद कारीगरों व शिल्पकारों को एक डिजिटल आईडी, एक पीएम विश्वकर्मा डिजिटल प्रमाण पत्र और एक पीएम विश्वकर्मा आईडी कार्ड प्राप्त होगा। प्रमाण पत्र से आवेदक की पहचान विश्वकर्मा के रूप में हो जाएग, जिससे वह योजना के तहत सभी लाभ प्राप्त करने के पात्र होंगे। डीसी विक्रम सिंह ने जिला के समस्त कारीगरों से आह्वïान किया है कि वे पंजीकरण के लिए अपने निकटतम सीएससी अथवा अटल सेवा केंद्रों से संपर्क कर योजना का लाभ उठाएं।
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