फरीदाबाद - आज केंद्र सरकार द्वारा पेश किये गए अंतरिम बजट को लेकर विपक्ष के नेताओं की प्रतिक्रियाएं आ रहीं हैं। इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य धर्मवीर भड़ाना की प्रतिक्रिया आई है और उन्होंने कहा है कि भाजपा सरकार ने मध्यवर्गीय नागरिकों तथा नौकरी पेसा मिडिल क्लास को फिर ठेंगा दिखाकर आयकर में कोई राहत नहीं दी। क्या ये सिर्फ चुनावी बजट है ? किसानों की आय बढ़ाने, बेरोजगार युवाओं तथा छात्रो के लिए कुछ नहीं किया। व्यापारियों को किसी प्रकार की छूट न देते हुए उन पर जीएसटी के रूप में सरकार को टैक्स देने का दबाव बढ़ाया, आम जरूरत के रूप में किसी भी प्रकार की छुठ ग्रृहणियों को उनकी रसोई मे नहीं दी।
भड़ाना ने कहा कि भाजपा सरकार का अंतरिम बजट गरीबों, मजदूरों, किसानों, युवाओं व विद्यार्थियों के साथ महज एक मजाक है। देशवासियों को विकसित भारत का झुनझुना थमाने और विकास के नाम पर कागजी घोड़े दौड़ाने की कसरत के अलावा इसमें जनजीवन असल सवालों को छुआ तक नहीं गया है। रोजगार, सस्ता इलाज व जनहितैषी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का सवाल नदारद है। किसान-हितों, खेती व सिंचाई की अनदेखी की गई है। एमएसपी की गारंटी और फसल बीमा को किसान हितैषी बनाने पर पुनः धोखा दिया है। मज़दूरों व स्कीम वर्करों को न्यायसंगत न्यूनतम वेतन नहीं दिया। कर्मचारी व मध्यम वर्ग की टैक्स छूट की सीमा नहीं बढ़ाई। पुरानी पेंशन स्कीम बहाली पर भी चुप्पी साध ली।
रेलवे यात्रा को सुरक्षित बनाने, नई सवारी गाड़ियां चलाने और कोविड दौर में बंद की गई ट्रेनों को बहाल करने के लिए कुछ नहीं किया। बुजुर्गों की यात्रा रियायत बहाल नहीं की। यह अन्तरिम बजट शब्दों की बाजीगरी से भरा मात्र एक रिवाजाना बजट है। देश की 80 फीसदी जनता ट्रेनों पर स्लीपर क्लास में चलती है और ऐसे कोच में अब पांव रखने की जगह नहीं होती। किसी को बाथरूम लग जाता है तो बाथरूम तक नहीं पहुँच पाता और पैंट गीली हो जाती है , ट्रेनों में चलने वाली बहन बेटियों का दर्द नहीं समझ पाई सरकार।
भड़ाना ने कहा कि भाजपाई बोल रहे हैं कि ये बजट 2047 के लिए ठीक है और देश को विकसित राष्ट्र बनाएगा। 23 साल बाद कौन इस दुनिया में रहता है कौन नहीं और आजकल तो बच्चे युवा भी सड़क पर चलते -चलते , नाचते गाते दम तोड़ दे रहे हैं। भाजपाई गजब के जुमले बाज हैं और लोगों को मूल मुद्दों से दूर तक भटका रहे हैं। उन्होंने कहा कि दो महीने बाद लोकसभा चुनाव हैं। लग रहा था कि जनता को कुछ न कुछ जरूर मिलेगा लेकिन खोदा पहाड़ निकली चुहिया।
Post A Comment:
0 comments: