पुरात्व के जानकार तेजवीर मावी ने पुरातत्व विभाग की टीम से गुजारिश की है कि वह जल्द से जल्द ऐतिहासिक कोट गांव को अपने कब्जे में लेकर यहां पर रिसर्च करेगा। फिलहाल भगवान की मूर्तियों के बारे में पुरातत्व विभाग को सूचना दे दी गई है।
50 हजार साल पुराने मानव सभ्यता के सबूत मिलने के बाद नई चीजें मिलीं
स्थानीय निवासियों ने इसके बारे में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को बताया
फरीदाबाद के कोट गांव में पुरानी संभ्यता के प्रमाण मिल रहे ) फरीदाबाद : अरावली पर्वत शृंखला में 50 हजार साल पुराने मानव सभ्यता के सबूत मिलने के बाद अब 1500 साल पुराने रजवाड़ों के अवशेष भी मिले हैं। अरावली में बसे कोट गांव के जंगलों में भगवानों की प्राचीन मूर्तियां मिली हैं। तेजवीर मावी ने बताया कि भगवान विष्णु और कुबेर की मूर्तियां जंगलों में मिली हैं। पुराने समय में यह राजाओं का गढ़ हुआ करता था। यहां पर देवी-देवताओं की मूर्तियों को तैयार कर अलग-अलग रजवाड़ों में भेजा जाता था। कोट गांव के रहने वाले तेजवीर मावी ने पुरातत्व विभाग को संदेश पहुंचा दिया है। उन्होंने मांग की है कि गांव को अपने संरक्षण में लेकर रिसर्च किया जाए ताकि पता चल सके कि जो मूर्तियां गांव के जंगलों में मिली है वह कितने साल पुरानी हैं और उनका इतिहास क्या है। शिल्पकारों का गढ़ था कोट गांव
कोट गांव में रहने वाले पुरातत्व के जानकार तेजवीर मावी ने जंगलों के अंदर एक ऐसी जगह खोजी है, जहां पर रजवाड़ों के लिए मूर्तियां बनाने का काम किया जाता था। मावी ने बताया कि कोट गांव 977 साल पुराना है। इससे पहले जब रजवाड़े हुआ करते थे तो उस समय गढ़ के नाम से एक जगह थी। इसमें शिल्पकारों को बुलाकर मूर्तियां तैयार करवाई जाती थी। कोट गांव के जंगल में भगवान विष्णु की मूर्ति के अलावा कुबेर की मूर्ति मिली है। दोनों ही जिस पत्थर से बनाए गए हैं, वह अरावली के नहीं लगते हैं। उन्होंने बताया कि एक रिसर्चर ने साल 1994 में कोट गांव में आकर रिसर्च की थी तब पता चला था कि यहां पर रजवाड़ों के लिए मूर्तियां बनाने का काम किया जाता था। उन्होंने इसकी सूचना पुरातत्व विभाग को दे दी है। मूर्तियों को देख कर लगता है कि ये 1500 साल पुरानी होंगी।
पहले मिल चुके हैं मानव सभ्यता के सबूत
तेजवीर मावी की मानें तो साल 2021 में कोट गांव के अंदर ही मानव सभ्यता के सबूत भी मिले थे। इसमें उन्हें जंगलों में कुछ अजीब तरह की चीजें मिलीं। उस समय वहां पत्थर की कुल्हाड़ी मिली जो लगभग 50 हजार साल पुरानी थी। इसका प्रयोग लोग खाल उतारने, शिकार करने के लिए किया करते थे। कोट गांव की पहाड़ियों में चित्र उकेरे हुए मिले थे। इसमें हाथ के निशान, पैर के निशान के अलावा अलग अलग चित्र बने थे। कोट गांव में रॉक शेल्टर (पत्थर का घर) मिला, जिसका प्रयोग लोग रहने के लिए किया करते थे। उन्होंने इसका एक पूरा दस्तावेज बना कर पुरातत्व व संग्रहालय निदेशालय को भी दिया है।
Post A Comment:
0 comments: