इसके अतिरिक्त बिजली आधारित कनैक्शन (डीएचबीवीएन) के मौजूदा आवेदकों को सौर ऊर्जा पम्प के कनैक्शन के लिए प्राथमिकता दी जाएगी, बशर्तै उनको अपने मौजूदा बिजली कनैक्शन का समर्पण करना पड़ेगा। इस वर्ष के लक्षित लाभार्थियों का चयन परिवार की वार्षिक आय व भूमि धारण के आधार पर किया जाएगा।
उन्होंने आगे बताया कि ऑनलाईन आवेदन करने के लिए सभी किसानों को आवश्यक दस्तावेज जैसे परिवार पहचान पत्र, आवेदक के नाम पर बिजली आधारित पम्प न हों, आवेदक के नाम पर कृषि भूमि की जमाबन्दी/फर्द होना आवश्यक है। किसान अपने खेत में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली जैसे टपका, फव्वारा सिंचाई या भूमिगत पाईप लाईन स्थापित हो या पम्प लगाने से पहले स्थापित कर लेगें (प्रमाण पत्र/शपथ पत्र), अपलोड करना अति आवश्यक है।
हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण के सर्वेक्षण के अनुसार उन गांवों में जहां भूजल स्तर 100 फीट से नीचे चला गया है सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली की स्थापना अनिवार्य है, अन्य को भूमिगत पाईप लाइन या सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली को लगाना अनिवार्य होगा। धान उगाने वाले किसान जिनके क्षेत्र में एचडबल्युआरए। की रिपोर्ट के आधार पर भूजल स्तर 40 मीटर से नीचे गिर गया है वह किसान इस योजना के पात्र नहीं है।
किसान अपने ऑनलाईन आवेदन में सोलर पम्प की क्षमता अनुसार लाभार्थी हिस्सा जैसे 3 एचपी डीसी सरफेस मोनोब्लॉक, 7.5 एचपी डीसी सबमर्सिबल नार्मल कंट्रोलर तथा 10 एचपी डीसी सबमर्सिबल नार्मल कंट्रोलर और 10 एचपी एसी सबमर्सिबल नार्मल कंट्रोलरए 10 एचपी डीसी सबमर्सिबल यूनिवर्सल कंट्रोलर और 10 एचपी एसी सबमर्सिबल यूनिवर्सल कंट्रोलर हैं।
चयनित लाभार्थी को पीएम कुसुम पोर्टल https://pmkusum.hareda.gov.in/ पर जाकर सरकार द्वारा सूचीबद्ध कम्पनी का चयन करके लाभार्थी हिस्सा जमा करवा सकेंगे, जिसकी सूचना आपको पंजीकृत मोबाईल नम्बर पर प्राप्त होगी। सोलर वाटर पम्पिगं सिस्टम से सम्बन्धित अधिक जानकारी के लिए जिले के किसान किसी भी कार्य दिवस पर सेक्टर-12 में लघु सचिवालय की दूसरी मंजिल पर स्थित कार्यालय अतिरिक्त उपायुक्त एवं मुख्य परियोजना अधिकारी, फरीदाबाद में संपर्क कर सकते हैं।
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