आज ही के दिन एक पूरे परिवार ने एक सप्ताह के अंदर ही देश, धर्म और संस्कृति के लिए अपनी शहादत दी थी। केन्द्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि आप सभी ने साहिबजादों के बलिदान की कविता पढ़ी होगी। उन्होंने अपना धर्म नहीं बदला, सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। श्री राम स्कूल फरीदाबाद की नर्सरी कक्षा की छात्रा अमृता सिंह कार्यक्रम की नायिका रही।
कार्यक्रम में संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने आज के दिन को चार साहिबजादों के बलिदान को याद करने तथा उन्हें सच्ची श्रद्धांजली देने के लिए मनाने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी के बलिदान पर एक कविता प्रचलित है- कहीं पर्वत झुके भी हैं, कहीं दरिया रुके भी हैं। नहीं रुकती रवानी है, नहीं रुकती जवानी है। गुरु गोविंद के बच्चे, उम्र में थे अभी कच्चे। मगर थे सिंह के बच्चे, धर्म ईमान के सच्चे। गरज कर बोल उठे थे यूं, सिंह मुख खोल उठे हों ज्यूं।
साहिबजादों का शौर्य, उनका साहस विद्यमान है। ऐसी शहादत विश्व के इतिहास में आज तक नहीं दी गई। साहिबजादों का सर्वोच्च बलिदान हम सबको प्रेरणा देता है। हम इसका स्वरूप और बेहतर करेंगे, ताकि हर एक के मन में देश और धर्म के प्रति एक प्रेरणा जाग सके।
Post A Comment:
0 comments: