स्टैंड-अप इंडिया, स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया और नवीनतम आत्मनिर्भर भारत जैसे इन सभी लक्ष्य को बढ़ावा देना है। महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय रविवार को पाली स्थित ओम योग संस्थान के रजत जयंती समारोह में बेटर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि इस नई शिक्षा नीति में देश के भावी कर्णधारों के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि यह रहेगी कि वे अब अपनी ही मातृभाषा में एम.बी.ए, एम.बी.बी.एस,बी.टैक, एम.टैक, बी.एड, इंजीनियरिंग जैसी उच्च शिक्षा सरलता से हासिल कर सकेगें।
महामहिम राज्यपाल ने कहा कि नौकरी करना कोई बुरी बात नहीं है। लेकिन हम चाहते हैं कि मेरे देश और प्रदेश का युवा वर्ग केवल मात्र नौकरियों के पिछे दौड़ने की बजाए दुसरों को नौकरी देने वाला सशक्त और सामर्थ उद्यमी बने। उन्होंने कहा कि भारत की प्राचीन योग परंपरा का डंका आज पूरे विश्व में बज रहा है । दुनिया के सभी देशों ने योग को अपनाया है और उसको आत्मसात भी किया है ।
ओउम योग संस्थान ट्रस्ट जैसे संस्थानों का इस योग परंपरा को पूरे विश्व में पहुंचने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कार्यक्रम में संबोधित करते हुए राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि आज भव्य आध्यात्मिक समागम देखने को मिला है, इसको देखकर और इसमें भाग लेकर उन्हें बहुत ही ऊर्जावान अनुभव कर रहा है।उन्होंने कहा कि फरीदाबाद नगरी को औद्योगिक नगरी कहा जाता है लेकिन आज ओम योग संस्थान की गतिविधियों के फलस्वरूप आध्यात्मिक नगरी का भी स्वरूप ले लिया है।
महामहिम राज्यपाल ने कहा कि अरावली पर्वत की श्रृंखलाओं में स्थित प्राकृतिक सौंदर्य एवं हरियाली से भरपूर यह समस्त क्षेत्र अत्यंत ही सौभाग्यशाली है। उन्होंने कहा कि योगीराज जी का जन सेवा में समर्पित जीवन और ओम योग संस्थान का दिन-रात शिक्षा, स्वास्थ्य, चिकित्सा, योग प्रशिक्षण व शिविरों द्वारा समाज के लिए कल्याणकारी कार्य करने का संकल्प आज सार्थक हो रहा है। उन्होंने कहा कि संस्थान ने योग को संगीत के साथ जोड़कर, इसका अभ्यास लयबद्ध तरीके से करवाया जो बहुत ही अद्भुत और सराहनीय है।
उन्होंने संस्था के रजत जयंती समारोह की बधाई देते हुए कहा कि संस्थान में चलाए जा रहे विद्यालय में आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ हमारी महान संस्कृति, सभ्यता, चारित्रिक, अनुशासन, सेवा तथा राष्ट्रभक्ति को प्रमुखता दी जाती है। यहां के छात्र-छात्राएं शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, आत्मिक स्तर पर बहुत ही सुदृढ़ है। ऐसे ही बच्चे आगे चलकर राष्ट्र निर्माण में सहयोगी बनते हैं तथा देश को उन पर गर्व होता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा चलाए गए मिशन बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ का प्रत्यक्ष उदाहरण यहां पर देखने को मिल रहा है।
कार्यक्रम में संबोधित करते हुए स्वामी रामदेव ने कहा कि आजादी के आन्दोलन को दिशा और नेतृत्व देने वाले सभी आर्य समाजी महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती के शिष्य थे। उन्होंने महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती की आज 200वी जयंती पर सबको बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं दी।
ओउम योग संस्थान ट्रस्ट के योगाचार्य औमप्रकाश ने कहा कि मनुष्य को जीवन जीने के लिए चिन्तन और मनन करने से साकारत्मक दृष्टिकोण का भाव मिलता है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के गर्म दल और नरम दल के नेतृत्व के लिए महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती प्रेरणा के स्रोत बनें थे। उन्होंने आर्य समाज की स्थापना करके समाज को नई दशा और दिशा देने का काम किया जो हमेशा हमेशा साकारत्मक दृष्टिकोण की सोच के अविस्मरणीय रहेंगे। उन्होंने ओउम योग संस्थान ट्रस्ट की योग, शिक्षा और समाजिक सरोकार में साकारत्मक दृष्टिकोण का सन्देश देने सहित अन्य गतिविधियों बारे विस्तार पूर्वक जानकारी दी।
इस अवसर पर नए वैवाहिक जोङो को भी विवाह करने पर आशीर्वाद दिया गया। संस्थान की छात्राओं ने स्वागत गीत गाकर भारतीय संस्कृति से मेहमानों का स्वागत किया। वहीं योगाचार्य औमप्रकाश द्वारा मेहमानों को पुष्प गुच्छ व स्मृति चिन्ह देकर भी सम्मानित किया गया।
रजत जयंती समारोह में स्वामी रामदेव की माता गुलाब देवी, ओम योग संस्थान के संस्थापक योगीराज ओमप्रकाश महाराज, हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया, भाजपा नेता अजय गौड, डीसी विक्रम सिंह, डीन मैडिकल कॉलेज डा. असीम दास, एसडीएम बड़खल अमित मान, एसीपी अभिमन्यु गोयत, एसीपी महेश श्योरान, पतंजलि ग्राम उद्योग के महामंत्री डा. यशदेव शास्त्री, ठाकुर विक्रम सिंह, सीवी रावल,कन्हैया लाल आर्य, मुन्नी लाल महाराज, आचार्य ऋषि पाल, सूर्यदेव त्यागी, जितेन्द्र भाटिया, सन्दीप शास्त्री, योगराज आर्य, बेगराज आर्य, कविता वर्मा सहित संस्थान के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
Post A Comment:
0 comments: