धरने को संबोधित करते हुए सीटू व यूनियन नेताओ ने कहा कि 44 दिन से ग्रामीण सफाई कर्मचारी हड़ताल पर बैठे है मगर सरकार सफाई कर्मियों की सुध नही ले रही है। वैसे तो सरकार चुनाव के समय पर सफाई कर्मियों के पैर धोकर दलित हितेषी होने का ढोंग करती है मगर अब 44 दिन से प्रदेश के सफाई कर्मी न्यूनतम वेतन, पक्की नोकरी व अन्य मांगों जो लेकर हड़ताल पर है।
सरकार इनकी मांगो को पूरी करने की बजाए कम वेतन व अस्थाई रखकर इनका भारी शोषण कर रही है। जिसके खिलाफ कर्मचारियों में भारी रोष बना हुआ है। सरकार की इस कर्मचारी व दलित विरोधी नीतियों का जनता में जाकर पर्दाफास करेंगे। 28-29 नवम्बर को पंचकूंला मजदूर किसान कर्मचारियों के पड़ाव में बड़ी संख्या में पंहुचकर अपनी एकता व ताकत का प्रदर्शन करेगे।
आज के धरने को सीटू जिला सचिव अनिल कुमार, भीम सिंह यूनियन नेता सुमित कुमार, सुमेर सिंह, भतेरी, अनिता, सरोज, सुमन, रेणु, राजपाल, दिलबाग सिंह,कर्मबीर, श्याम, वीरभान आदि ने संबोधित किया ।
जारीकर्ताः- सुमित, ब्लांक प्रधान, ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा, भिवानी। 9812226537
मुख्य मांगें -
घ् विधान सभा मे पॉलिसी बनाकर सफाई कर्मियों को पक्का किया जाए।
घ् सभी ग्रामीण सफाई कर्मियों को बीडीपीओ के पे-रोल पर लिया जाए।
घ् हरियाणा रोजगार कौशल निगम को भंग किया जाए और सफाई कर्मियों को पक्का किया जाए।
घ् सभी सफाई कर्मियों के लिए 26000 रुपये मासिक न्यूनतम वेतन लागू किया जाए।
घ् 2000 की बजाए 400 की आबादी पर एक कर्मचारी की स्थाई नियुक्ति करते हुए सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए।
घ् डोर टू डोर के कर्मचारियों को ग्रामीण सफाई कर्मियों के बराबर वेतन व वर्दी भत्ता दिया जाए और पीएफ ईएसआई में कवि किया जाए।
घ् 500 रुपये मासिक काम के औजारों का भत्ता तय किया जाए।
घ् 500 रुपये मासिक वर्दी धुलाई भत्ता लागू किया जाए।
घ् एक्ससग्रेसिया नीति के तहत परिवार के सदस्य को काम पर रखा जाए तथा मुख्यमंत्री कि घोषणा अनुसार 4 अप्रैल 2021 के बाद जिन कर्मियों की मृत्यु हो चुकी उन सभी कर्मियों को मुआवजा राशि का भुगतान किया जाए।
घ् दिवाली पर बोनस और कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई के लिए शिक्षा भत्ता लागू किया जाए।
घ् सौ-सौ गज के प्लाट और मकान बनाने के लिए अनुदान दिया जाए।
घ् बेगार से बचाने के लिए काम की देखरेख के लिए सफाई कर्मियों में से पढ़े लिखे लोगों को सुपरवाइज
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