धरने को संबोधित करते हुए सीटू नेता व यूनियन नेताओं ने कहा की ग्रामीण सफाई कर्मचारी 17 साल से प्रदेश सरकारों की सेवा कर रहे है। प्रदेश सरकार ने सत्ता में आने से पहले सफाई कर्मचारी को पक्की नौकरी ओर न्यून्तम वेतन की बात कह कर आई थी। मगर सत्ता में आने के बाद भाजपा जजपा सरकार ने अपना दलित विरोधी चेहरा दिखा दिया है।
भाजपा-जजपा सरकार ने ग्रांमीण सफाई कर्मचारियों को पक्का करना तो दूर पक्के कर्मचारी के बराबर वेतन की भी घोषणा तक नहीं की गई। कमरतोड़ महंगाई के बावजूद भाजपा-जजपा सरकार 1000 रूपये की मामूली वेतन बढ़ाकर प्रदेश के ग्रामीण सफाई कर्मचारियों से काम लेना चाहती है।
अभी तक ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को ना ही पक्का कर्मचारी का दर्जा दिया गया हैं और ना ही न्यूनतम वेतन दिया जा रहा है। उपरोक्त मुद्दों को लेकर राज्य कमेटी के आह्वान पर प्रदेश के तमाम जिलों मे मंत्रियों के दरवाजो पर 24 घण्टे के लिए पड़ाव डाले जा रहे हैं।
उन्होने कहा की समय रहते अगर कर्मीयों की मांगे नही मानी गई तो ग्रामीण सफाई कर्मचारी बडा आन्दोलन करने के लिए मजबूर होगे। उन्होने कहा की सम्मानजन समझौता होने के बाद ही ग्रामीण सफाई कर्मचारी अपना आन्दोलन वापिस लेगेेे।
आज के धरने में सीटू नेता का. राममेहर सिंह, जिला सचिव अनिल कुमार, सुखदेव ंिसह, फुलचन्द, यूनियन नेता पवन कुमार, प्रदीप, राजेन्द्र, राजबीर सिंह, सतबीर सिंह इत्यादि नेताओ ने बातचीत रखी गई।
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