फरीदाबाद: 7 नवम्बर, पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य ने अपने कार्यालय सेक्टर 21 सी में पुलिस अधिकारियों के साथ पहली समीक्षा बैठक की। बैठक में अपराध, कानून एवं व्यवस्था व अन्य मुद्दों से संबंधित विषयों की समीक्षा की गई। बैठक में ज्वाइंट सीपी श्री ओपी नरवाल, डीसीपी मुख्यालय अभिषेक जोरवाल, डीसीपी क्राइम हेमेंद्र कुमार मीणा, डीसीपी सेंट्रल पूजा वशिष्ठ, डीसीपी बल्लबगढ़ राजेश दुग्गल, एसीपी हेडक्वार्टर अभिमन्यु गोयत, एसीपी क्राइम अमन यादव,एसीपी तिगांव राजेश लोहान, एसीपी सेन्ट्रल राजीव कुमार, एसीपी एनआईटी महेश कुमार, एसीपी मुजेसर सुधिर तनेजा, एसीपी बल्लबगढ़ विष्णु प्रसाद, एसीपी ट्रैफिक विनोद कुमार व एसीपी सीएडब्लू मोनिका मौजूद रहे।
पुलिस आयुक्त महोदय ने सभी प्रकार के अपराध पर अंकुश लगाने वह अपराधियों पर शिकंजा कसने के बारे में की जाने वाली कार्यवाही के बारे में विस्तृत जानकारी ली। मीटिंग के दौरान आपराधिक आंकड़ों की तुलनात्मक समीक्षा करते हुए विस्तृत विचार विमर्श किया गया। जिनमें आपराधिक आंकड़ों के साथ-साथ स्थानीय एवं विशेष प्रावधानों के तहत आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम करना, लंबित शिकायतों का जल्द से जल्द निपटारा, उदघोषित अपराधी, बेल जंपर, मोस्ट वांटेड तथा आपराधिक गिरोह में शामिल दोषियों की धरपकड़ के लिए की गई कार्यवाही, मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त दोषियों की संपत्ति को अटैच करने की कार्यवाही, आदतन नशीले पदार्थों के व्यापार से जुड़े आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजना, दर्ज आपराधिक मामलों की सही ढ़गं से जांच पड़ताल की कार्यवाही, चिन्हित अपराधों की रोकथाम के लिए निगरानी, जुआ सट्टा, अवैध शराब की तस्करी तथा अवैध असला को पकड़ने के लिए चलाए गए विशेष अभियान के दौरान की गई कार्यवाही की समीक्षा के साथ -साथ क्षेत्र में शांति एवं कानून व्यवस्था के हालात की समीक्षा, अपराध की दृष्टि से संवेदनशील एरिया में पुलिस की मौजूदगी एवं निगरानी इत्यादि विषयों पर विस्तार पूर्वक चर्चा कर, पुलिस कार्यवाही को प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए
पुलिस आयुक्त महोदय ने सभी डीसीपी/एसीपी को आदेश दिए की सभी थाना प्रबंधको को निर्देशित करे की पासपेर्ट, करैक्टर सर्टिफिकेट, जॉब की वैरिफिकेशन, किराएदार इत्यादि की अनुसंधानकर्ता/ जांच अधिकारी आवेदक के घर जाकर वैरिफिकेशन करेगें सभी पुलिस अधिकारी जीरो टॉलरेंस फॉर करप्शन की थीम पर कार्य करेगे।
पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए फीडबैक सेल से लगातार शिकायतकर्ता पीडितों विभिन्न प्रकार की पुलिस सर्विस के लिए आवेदन करने वालो से फीडबैक सेल द्वारा फोन करके उनके कार्य/ शिकायत की निवारण के बारे में फीडबैक ली जा रही है। इसी क्रम में फीडबैक सेल द्वारा पासपोर्ट वेरीफिकेशन की आयुर्वेदिक से जानकारी ली गई तो पता लगा कि एक पुलिसकर्मी ने उसे ₹500 लिए हैं उच्च अधिकारियों द्वारा फीडबैक सेल और आवेदक के बीच की हुई बातचीत को रैंडमली चेक किया जाता है। थाना सूरजकुंड में तैनात पुलिसकर्मी कृष्ण द्वारा पासपोर्ट वेरिफिकेशन के नाम पर अलग-अलग दो व्यक्तियों से 500-500 रुपए लेने की बात सामने आई जिस पर डीसीपी मुख्यालय ने संबंधित पुलिसकर्मी को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर पुलिस लाइन में भेज दिया है जिसकी डिपार्मेंटल इंक्वारी वूमेन सिक्योरिटी एसीपी करेंगीं। पासपोर्ट वेरिफिकेशन के मामले में थाना सेक्टर 31 हुए थाना सराय कि पुलिसकर्मियों की जांच चल रही है। फीडबैक सेल द्वारा लगातार फीडबैक लिया जा रहा है किसी पुलिसकर्मी के खिलाफ पैसे लेकर काम करने की शिकायत मिली तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाई की जाएगी।
पुलिस कमिश्नर राकेश कुमार आर्य ने बैठक में मौजूद पुलिस अधिकारियो को निर्देश देते हुए कहा कि पुलिस को आपराधिक मामलों की जांच के दौरान नई तकनीकों का प्रयोग करना चाहिए। साक्ष्य एकत्रित करने के लिए आधुनिक तकनीकी साधनों का प्रयोग करे ताकि अदालत में ठोस व पुख्ता सबूत पेश किए जा सके जिससे कि अपराधी को सजा दिलाई जा सके। अनुसंधान के दौरान मामलें की हर पहलू से जांच करे। गैंगस्टर व अपराधियों की धरपकड़ के अतिरिक्त कानून व्यवस्था, यातायात व्यवस्था व अन्य सामान्य ड्यूटियों के दौरान भी आधुनिक तकनीकों का प्रयोग किया जाए। नाकाबन्दी के दौरान वाहनों की गहनता से जांच की जाए। उन्होंने कहा कि संगीन किस्म के अपराधों से जुड़ी शिकायतों की गहनता से जांच करके त्वरित कार्रवाई की जाए। इसके अलावा नशा तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए। उन्होंने जिला के मोस्टवांटेड इनामी अपराधियों को पकड़ने के लिए गम्भीरता से कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने आर्म्स एक्ट, एनडीपीएस एक्ट व जघन्य किस्म के मामलों की गहनता से जांच करने व केस की तह तक जाने व सोर्स का पता लगाने के निर्देश दिए ताकि अपराधियों के नेटवर्क का पता चल सके व प्रभावी कार्रवाई कर अपराध की पुनरावृति को रोका जा सके। उन्होने महिला विरुद्ध अपराधों की शिकायत पर त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता के साथ विनम्र व्यवहार किया जाए। थाने में आने वाले हर व्यक्ति की सुनवाई हो और उसकी शिकायत पर तुरंत निष्पक्ष एवं न्यायोचित कार्यवाही की जाए। अपराध की रोकथाम के लिए निरंतर गश्त करें। दुष्चरित्र एवं असामाजिक शरारती तत्वों पर निगरानी रखे तथा उनके खिलाफ निवारक कार्यवाही करें। आदतन अपराधियों व उनके सहयोगियों को जो जेल से बाहर आए उन पर निगाह रखी जाए। सभी थाना प्रबंधकों, चौकी प्रभारियों को अपने-अपने एरिया के सभी बदमाशों /अपराधियों के संबंध में पूरी जानकारी होनी चाहिए। किसी भी क्रिमिनल के साथ सहयोग या मिलीभगत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। श्री राकेश कुमार आर्य ने सड़क दुर्घटनाओं के मामलों को गंभीरता से लेते हुए कहा कि सड़क हादसों को रोकने तथा सड़क हादसो में कमी लाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं व आवश्यक सुधार के लिए संबंधित विभाग को पत्राचार किया जाए जाए। दुर्घटना की सूचना पर तत्परता से मौका पर पहुंचकर घायलों की जान बचाने व उनकी हर संभव मदद की जाए।
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