कर्मचारियों ने सहयोग की अपेक्षा करते हुए कहा कि आबादी निजीकरण व कौशल रोजगार के नाम पर ठेका प्रथा के प्रचलन से नई पीढ़ी के लिए निर्वाह करने लायक रोजगार की अवसर कम हुए हैं। जिससे समाज में रोजगार न मिलने से नशा अपराध और लूट पाट की घटना में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। निजीकरण के चलते बड़ी संख्या में शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए शिक्षा स्वास्थ्य भी पहुंच से दूर हो रहे हैं। हर गांव में सरकारी बस, बिजली, पीने व सिंचाई के पानी और सस्ते राशन की अनुपलब्धता को लेकर लोगों में आक्रोश है।
साधारण मजदूर किसान को सार्वजनिक सेवाओं से लाभ है, युवाओं के लिए सर्वाधिक क्षेत्र में लगभग 10 लाख रोजगार सृजित किए जा सकते हैं और पहले से कार्य कर रहे कर्मचारियों को भी इससे लाभ होगा। उन्होंने मांग पत्र में कहा कि उदारीकरण की नीति के चलते सरकार भी बाजार के धन जी से खर्च घटाने की रणनीति पर चलते हुए रोजगार के स्वरूप सेवा शर्तों और वेतन ढांचे में ऐसे बदलाव कर रही है जिनका कर्मचारी और उनके परिवारों के हित पर प्रभाव पड़ रहा है।
इसके विपरीत यदि नए रोजगार विकसित किए जाते, सर्वजनि खर्चे में वृद्धि से जान सेवकों का विस्तार किया जाता और कर्मचारियों की मांगों का समाधान किया जाता तो इससे राज्य की जीडीपी में भी वृद्धि होगी। विजय प्रताप ने नगर पालिका कर्मचारी संघ की मांगों को जायज बताते हुए कहा कि यह मुद्दे आम जनता के हितों से जुड़े मुद्दे हैं। आपकी जायज मांगों को कांग्रेस के उच्च नेतृत्व तक पहुंचाया जाएगा और देश व प्रदेश में सरकार बनने पर इनका स्वाभाविक रूप से समाधान कराया जाएगा।
उन्होंने कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए पुरानी पेंशन की बहाली की बात भी की। विजय प्रताप ने कहा कि वर्तमान की भाजपा सरकार ने न केवल देश की जनता बल्कि कर्मचारी एवं किसानों के साथ भी चल किया है। भाजपा की प्रदेश सरकार ने युवा को नौकरी देने की बजाय रोजगार छीनने का काम किया है। कांग्रेस सरकार बनने पर प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने का काम हम करेंगे और कर्मचारियों की नीतियों के समर्थन में कानून बहाल किए जाएंगे।
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