इसके अलावा पराली में आग लगने की घटनाओ को न्यूनतम करने अथवा रोकने के लिए आवश्यक कार्यवाही करें। उन्होंने बताया कि राजस्व, पंचायत विभाग एवं कृषि विभाग के साथ-साथ पटवारी, ग्राम सचिव व कृषि विभाग कर्मी क्षेत्र का अवलोकन नियमित रूप से करते रहें।
कृषि उपनिदेशक डा. बाबूलाल ने बताया कि कृषि विभाग के कर्मचारी न केवल क्षेत्र में रहकर बिजाई वाले धान फसल क्षेत्र की निगरानी कर रहे हैं। इसके साथ ही पूरे जिला में ग्राम स्तर पर किसानों को जागरूक करने के लिए किसान गोष्ठी का भी आयोजन कर रहे हैं। इन किसान गोष्ठियों के माध्यम से किसानों को बताया जा रहा है कि इन-सीटू व एक्स-सीटू द्वारा पराली प्रबंधन में एक हजार रुपए प्रति एकड सहायता राशि के लिए आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ है।
किसानों के द्वारा मेरी फसल मेरा ब्यौरा में धान का पंजीकरण कराया हुआ है। वह किसान अपनी धान की फसल के अवशेष के प्रबंधन के लिए agriharyana.gov.in पोर्टल पर अपना आवेदन कर पराली प्रबन्धन योजन का लाभ प्राप्त कर सकते है।
इसी कड़ी में नया गांव, जनौली, मांदकोल, ककडीपुर, बढराम, अलावलपुर व खजूरका में सहायक तकनीकी प्रबंधक अतुल शर्मा एवं खंड तकनीकी प्रबंधक सुन्दर सिंह के साथ-साथ कृषि सुपरवाईजर सिकंदर, हितेश, विजय द्वारा किसान गोष्ठियों का आयोजन किया गया और किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक किया गया। खंड पलवल के साथ-साथ होडल, हथीन व हसनपुर में भी किसानों को कृषि विभाग की टीमों द्वारा जागरूक करने का निरंतर कार्य किया जा रहा है।
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