यहां जारी बयान में उन्होंने कहा कि अब भारत देश में यह चलन हो गया है ,की कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म के बारे में बिना सोचे समझे, अनाप-शनाप टिप्पणी कर देता है और उनके इस एक तरफा बयानों से लाखों श्रद्धालुओं कि आस्था पर गहरी चोट लगती है । श्री भाटिया ने कहा कि इतने बड़े प्रतिष्ठित पद पर रहते हुए मेनका गांधी को यह बयान जारी करने से पहले उनके द्वारा साक्ष्य व तथ्यों को भी साथ में रखना चाहिए था ,जो उन्होंने नहीं रखे और दूसरी तरफ जिस निजी चैनल ने उनका साक्षात्कार लिया उन्हें यह खबर प्रसारित करने से पहले इस्कॉन मंदिर का भी पक्ष दिखाना चाहिए था, जो उन्होंने नहीं दिखाया।
ऐसे सोशल मीडिया व टीवी चैनलों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। गौरतलब है कि स्वामी श्री प्रभुपाद जी ने सर्वप्रथम भगवान श्री कृष्णा जी की लीलाओं और उनके आदर्शों को पूरे विश्व में घर-घर तक पहुंचने के लिए अपनी पूरी जिंदगी लगा दी। उन्होंने सर्वप्रथम महाकाव्य श्रीमद् भागवत गीता का अंग्रेज़ी अनुवाद किया और उसे पूरे विश्व में घूम-घूम कर लाखों भक्तों को सनातन धर्म की दीक्षा व शिक्षा के साथ जोड़ा जो आज हमारे सनातन धर्म के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।
भाटिया ने कहा कि वह खुद वृंदावन, फरीदाबाद व दिल्ली के इस्कॉन मंदिरों में पूजा अर्चना के लिए जाते रहते हैं और जिस आत्मिक भाव से इस्कॉन संस्थान व उससे जुड़े लाखों अनुयाई व भक्त जिस श्रद्धा भाव से महान काव्य श्रीमदू भागवत गीता का प्रचार करते हैं, लोगों को ईश्वर के साथ जोडऩे का और मानव सेवा के लिए जो काम करते हैं ,वह अतुलनीय है।
अंत में उन्होंने कहा की इस अति निंदनीय कृत्य करने के बाद भी मेनका गांधी को लेकर भाजपा आला कमान के किसी भी बड़े नेता ने उनके इस बयान की ना तो निंदा की और ना ही पार्टी ने उनके खिलाफ कोई सख्त कदम उठाया, हिंदूओ की सबसे बड़ी संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की चुप्पी भी चौंकाने वाली है।
वहीं दूसरी और इस्कॉन मंदिर ने मेनका गांधी के खिलाफ 100 करोड रुपए का मानहानि का कोर्ट केस किया है पर मेरा मानना यह है कि मेनका गांधी, स्वामी प्रसाद मौर्य व उदयनिधि स्टालिन जैसे मंत्री और अन्य लोग जो हिंदू धर्म के खिलाफ गलत टिप्पणियां करके हमारे देश के करोड़ो हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ करते हैं ,उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा भी दर्ज होने चाहिए, तभी इस नफरत की आंधी को रोका जा सकता है।
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