नवीन जयहिंद ने कहा कि पंजाब सरकार 21 -22 अक्टूबर को विधानसभा का स्पेशल सत्र बुला रही है ऐसे में हरियाणा की सरकार भी स्पेशल सत्र बुलाये | अगर मुख्यमंत्री स्पेशल सेशन नहीं करवाते है तो वे एक पंचायत बुला रहे है जिसमे पुरे प्रदेश से लोग शामिल होंगे | उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमजोर हो सकते है हरियाणा के लोग कमजोर नहीं है |
नवीन जयहिंद ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री स्पेशल सेशन नहीं बुलाते है तो वे प्रदेश की जनता से अपील करते है कि 22 अक्टूबर को रोहतक बाग़ में 12 बजे जरुर से जरुर पहुंचे व् हरियाणा को SYL का पानी दिलाने की मुहीम का हिस्सा बने |
जयहिंद ने कहा कि आज प्रदेश में 10 लाख एकड़ जमीन पानी के बिना बंजर है जिस पर 40 लाख टन अनाज किसान पैदा कर सकता है और गरीबों का पेट भरा जा सकता है , लेकिन पानी नहीं मिलने की वजह वो जमीन सुखी है | वही प्रदेश में पीने के पानी के हालात तो और भी बुरे है |
प्रदेश के कुल 7287 गांवों में से केवल 1304 गांव ग्रीन जोन में हैं, जबकि 6150 गांवों में भूजल तेजी से नीचे जा रहा है। ये आंकड़े खुद हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण द्वारा पेश किये गये है | 84 प्रतिशत गांवों में भूजल स्तर तेजी से पाताल की ओर जा रहा है।
प्रदेश को हर रोज 2,111.37 मिलियन लिटर पानी प्रतिदिन चाहिए जबकि मिलता 1913 मिलियन लिटर पानी ही जनता को मिल रहा है | गुरुग्राम , सोनीपत, भिवानी , जींद , सिरसा , हिसार, रोहतक, झज्जर, महेंद्रगढ़, रेवाडी जिलों में तो जितने पानी की जरूरत है उससे आधा भी बड़ी मुश्किल से मिल रहा है |
जयहिंद ने कहा कि उन्होंने खिलाडियों को खेल कोटे से बहाली के लिए सोटा उठाया था , 2 लाख बजुर्गों की पेंशन बहाली के लिए "थारा फूफा जिन्दा है", भगवान परशुराम मन्दिर व 36 बिरादरी के लोगों के लिए प्रशासन के कब्जे से जमीन छुडवाई, पीजीआई में बाहरी लोगों के लगाने पर केस दर्ज हुआ| सड़क पर संघर्ष के लिए हमेशा तैयार है और SYL के पानी के लिए भी वो 36 बिरादरी के भाईचारे के साथ संघर्ष करेंगे |
गुरुग्राम के किसानों के 2 हज़ार करोड़ रूपए खाई बैठी है सरकार, ब्याज सहित तुरंत वापिस करें- जयहिंद
ये लड़ाई जमीन की नहीं जमीर की है - जयहिंद
रविवार को नवीन जयहिंद किसानों के 1128 एकड़ ज़मीन अधिग्रहण मामले में 190 दिनों से अनिश्चितकालीन समय के लिए चल रहे धरने पर समर्थन देने पहुंचे | नवीन जयहिंद ने किसानों की मांगों का समार्थन करते हुए कहा कि सरकार किसानों के 2 हज़ार करोड़ रूपए खा कर बैठी है| जब किसान सरकार से पैसा लेता है तो सरकार ब्याज पर ब्याज लगा कर देती है |
अब किसानों की जमीन भी हडप रही है और किसानों के पैसे भी खा गई | जमीन माँ समान होती है | जैसे आप अपनी माँ रक्षा के लिए लड़ते है वैसे ही आपको जमीन के लिए भी लड़ना होगा | ये जमीन की नहीं जमीर की लड़ाई है | युवाओं को भी इस लड़ाई का हिस्सा बनना होगा | क्योकि युवाओं को अपने भविष्य के लिए इस जमीन की जरूरत है |
जयहिंद ने कहा कि वे किसानों के तन-मन-धन से साथ है, जिस तरीके से सरकार तानाशाही कर रही है वह बिल्कुल सही नही है वह अब नहीं चलने देंगे जमीन किसानो की है और किसानों की ही रहेगी |
जयहिंद ने कहा कि सरकार आज किसी के घर -दुकान को भी विकास के नाम पर हडपना चाहती है | अगर सरकार कि गलत नीतियों के खिलाफ आवाज नहीं उठाई गई तो सरकार अपनी मनमर्जी करेगी | अपने हक़ के लिए न सरकार से डरों, न पुलिस से और न प्रशासन से डरना चाहिए |
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