यही नहीं सभी 36 बिरादरी के भाईचारे के साथ मिलकर पहरावर की जमीन पर भगवान परशुराम जन्मोत्सव मनाने वाले थे, लेकिन सरकार व निगम ने कोर्ट का सहारा लेकर जन्मोत्सव पर रोक लगवा दी थी,जिसे लेकर जयहिन्द पर एक और केस किया गया | पिछले महीने उस केस की सुनवाई में भी वो 20 सितम्बर को जिला कोर्ट पहुंचे थे |
जयहिन्द ने सोमवार को जिला कोर्ट में पेश होने की बाद पत्रकारों को बताया कि उन्हें आज पहरावर जमीन मामले 3 हजार रूपये मुचलके पर जमानत मिल गई है | पहले उन्हें कच्ची बेल मिली हुई थी |जयहिंद ने कहा कि सरकार द्वारा खूब कोशिश की कि ये जमीन समाज को न मिले लेकिन सरकार के सारे हथकंडे विफल रहे |
जयहिन्द ने बताया कि पहरावर की जमीन फरसाधारियों और 36 बिरादरी के भाईचारे के दम पर मिली है न कि दरबारियों के दम पर। हमने हाथ जोड़कर नही बल्कि सरकार के साथ संघर्ष करके जमीन ली है। यह हमारे मान-सम्मान, ईज्जत और स्वाभिमान की लड़ाई थी।
जयहिंद ने कहा कि जमीन समाज को मिल चुकी है अब इस तरह के केस से सिर्फ सरकार परेशान करने की कोशिश कर रही है | अब तक उन पर दर्जनों केस हो चुके है लेकिन जनता और समाज के लिए वे हमेशा आगे खड़े रहेंगे और एक हजार केस भी हो जाये तो पीछे हटने वाले नही है | इस जमीन पर अस्पताल , स्कूल, कॉलेज और खेल का मैदान बनेंगे जिसमे 36 बिरादरी का लोगों के बच्चे पढने -खेलने और सभी लोगों का इलाज होगा |
आपको बता दे कि 21 मई रविवार को नवीन जयहिन्द ने सभी 36 बिरादरी के भाईचारे, फरसाधारियों, मुंडनधारीयो के साथ मिलकर सफलतापूर्वक पहरावर की जमीन पर भगवान जन्मोत्सव मनाया गया। यह जन्मोत्सव 23 अप्रैल को ही मनाया जाता लेकिन सरकार व निगम ने कोर्ट का सहारा लेकर नवीन जयहिन्द को नोटिस भिजवा दिया और जन्मोत्सव पर रोक लगा दी।
जिसके बाद नवीन जयहिन्द ने मुंडन करवाकर अपना रोष जताया और यह पूरे इस मामले ने तूल पकड़ लिया और नवीन जयहिन्द का समर्थन करते हुए पूरे हरियाणा के 36 बिरादरी के हजारो युवाओ ने अपना मुंडन करवाया।
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