हरियाणा पर्यटन विभाग निगम के एमडी नीरज कुमार ने बताया कि अरावली की पहाडि़य़ों की मनोरम छठा के बीच मौजूद सूरजकुंड मेला परिसर अपने अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले को लेकर देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है। उन्होंने बताया कि फरवरी माह में लगने वाले अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में हर साल लाखों पर्यटक देश-विदेश की कला-संस्कृति, खान-पान, हैंडीक्राफ्ट का आनंद लेने व खरीदारी के लिए आते हैं।
उन्होंने बताया कि इस बार पर्यटकों की मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने इस मेला परिसर मे पहली बार दीवाली मेला आयोजित करने का तोहफा दिया है। ऐसे में पहले दीवाली मेले को लेकर हरियाणा पर्यटन विकास निगम ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। उन्होंने बताया कि दीवाली मेले का स्वरूप अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले से छोटा रहेगा।
पहली बार लगने वाले दीवाली मेले के लिए परिसर के एक तिहाई क्षेत्र को ही प्रयोग किया जाएगा। शुरुआत में पहले साल करीब 300 स्टाल ही तैयार किए जाएंगे। चूंकि अंतरराष्ट्रीय मेले का फोकस हैंडीक्राफ्ट होता है इसलिए इस मेले को हैंडीक्राफ्ट की बजाए दीवाली के सामान व त्यौहार से जुड़ी खरीदारी पर केंद्रीत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मेले में बड़ी चौपाल पर लगातार सांस्कृतिक कार्यक्रम चलेंगे जिसमें पूरी तरह से भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं की झलक दिखाई देगी।
इसके साथ ही दीपोत्सव खास आकर्षण रहने वाला है। उन्होंने बताया कि प्राचीन सूरजकुंड को दीपों से सजाकर दीपोत्सव करने के लिए आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से अनुमति लेने के लिए पत्र भी लिखा गया है। जल्द ही यह अनुमति मिलने की भी उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि मेले में खान-पान के लिए विशेष तौर पर फूड कोर्ट सजाई जा रही है। यहां दीवाली मेले में आने वाले पर्यटक अच्छे खान-पान का आनंद ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि मेले का उद्देश्य पर्यटकों के त्योहारी सीजन को खास बनाना है और इसके लिए हरियाणा पर्यटन विकास निगम तैयारियों को बेहतरीन बनाने में जुटा है।
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