यह योजना केन्द्र सरकार के राष्ट्रीय पशुधन मिशन और राज्य सरकार के सांझा सहयोग द्वारा चलाई जा रही है। इस योजना के अंतर्गत पिछले पांच वर्षों तक 3.90 लाख से अधिक पशुपालकों ने लगभग 8.51 लाख पशु धन का बीमा कराकर एक नया आयाम स्थापित किया है।
उन्होंने आगे बताया कि अब तक लगभग 57.92 करोड़ रुपए की बीमा दावा राशि पशुपालकों को वितरित की जा चुकी हैं तथा लगभग 9.25 करोड़ रुपए की बीमा दावा राशि का भुगतान प्रक्रियाधीन हैं। नूह जिले में लगभग 1.72 लाख पशुधन है।
डीसी विक्रम सिंह ने पशुपालकों से अपील कि अधिक से अधिक पशुपालक इस योजना का लाभ उठायें तथा जिला में एक ऐसा गांव पायलट प्रोजेक्ट की तरह तैयार करें जहां शत प्रतिशत पशुधन जोखिम मुक्त हो।
पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग फरीदाबाद के उपनिदेशक डॉ. विरेन्द्र सहरावत ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत दो प्रकार के पशुओं का वर्गीकृत किया गया है- बड़े पशु तथा छोटे पशु। बड़े पशुओं में- गाय, भैस, झोटा, घोड़ा, ऊंट, गधा, खच्चर इत्यादि और छोटे पशुओं में भेड़, बकरी, सूअर इत्यादि का बीमा किया जाता है। प्रत्येक परिवार पांच पशुधन यूनिट का बीमा करवा सकता है। एक पशुधन यूनिट का अभिप्राय एक बड़ा पशु अथवा 10 छोटे पशु है। इसके साथ-साथ गौशाला भी अपने पांच पशुओं का बीमा करवा सकती हैं।
एक परिवार का आशय पति- पत्नी और उनके आश्रित बच्चों से है। इस योजना का लाभ अधिक से अधिक पशुपालकों को पहुंचाने के लिए अनुसूचित जाति के पशुपालकों का बीमा निःशुल्क किया जाता है व अन्य वर्गों के पशुपालकों के लाभार्थी मात्र 100/200/300 रुपये प्रति पशुधन प्रति वर्ष देकर अपने बड़े पशु का तथा मात्र 25 रुपये प्रति पशुधन प्रति वर्ष देकर अपने छोटे पशु का बीमा करवा सकते हैं। पशुपालक का अंश दान प्रति पशुधन प्रति वर्ष (100/-, 200/-, 300/- रुपये) पशु की दुग्ध क्षमता के अनुसार तय की जाएगी।
उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत बीमित पशुधन की आकस्मिक एवं दुर्घटना मृत्यु को कवर किया जाएगा। पशु धन का बीमा हो जाने के पश्चात प्रारम्भिक 21 दिनों तक केवल दुर्घटना से मृत्यु का कवरेज शामिल है ( पुलिस सूचना अनिवार्य)। तथा पशु की आकस्मिक ( बीमारी से) मृत्यु का कवरेज बीमा करने के 21 दिन पश्चात प्रारंभ होगा। पशु धन की चोरी कवरेज में शामिल नहीं है।
पशुधन बीमा के लिए इच्छुक लाभार्थी सरल पोर्टल (https://saralharyana.gov.in/) या अपने निकटतम ई- सेवा केंद्र, अटल सेवा केंद्र, ई- दिशा केंद्र व अंत्योदय केंद्र के माध्यम से अपना आवेदन कर सकता है। अधिक जानकारी के लिए अपने निकटतम पशु चिकित्सा संस्थान से संपर्क किया जा सकता है। इसके लिए परिवार पहचान पत्र, मतदाता व राशन कार्ड की कॉपी, पशु चिकित्सक द्वारा जारी पशु स्वास्थ्य प्रमाण पत्र, बैंक डिटेल आदि मुहैया करवानी होगी।
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