इस मौके पर उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक आनंद कौशिक ने कहा कि इंदिरा गांधी जी का पूरा जीवन देश के लिए त्याग व बलिदानों से भरा है। बचपन मेें ही सेना बनाकर उन्होंने देश के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया व युवा अवस्था में कांग्रेस पार्टी में शामिल होकर अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष करते हुए देश की आजादी के लिए कई जेल यात्राएं की।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस की राष्टï्रीय अध्यक्ष व 17 वर्ष तक देश की प्रधानमंत्री रहकर उन्होंने देश की सेवा में अभूतपूर्व कार्य किए तथा वे रिकार्ड तोड़ चार बार देश की प्रधानमंत्री बनी। गरीबी हटाओ का नारा देकर उन्होंने देश में गरीबी उखाडऩे के लिए काम किया। वहीं प्रिवीपर्स समाप्त करके, बैंकों का राष्ट्रीयकरण व हरित क्रंाति की शुरूआत करके उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था व सामाजिक व्यवस्था में व्यापक बदलाव किए।
इस अवसर पर कांग्रेसी नेता बलजीत कौशिक ने कहा कि 1971 में पाकिस्तान को युद्घ में हराकर ना केवल उन्होंने पाकिस्तान का बटवारा करवाया अपितु बांगलादेश का निर्माण भी करवाया। वहीं पूरी दुनिया को भारत की ताकत व अपने दृढ़ नेतृत्व का लोहा भी मनवाया। 1974 में पोकरण में परमाणु विस्फोट करके उन्होंने भारत में तरक्की व ताकत का नया द्वार खोला। आतंकवाद के खिलाफ लड़ते हुए उन्होंने 31 अक्टूबर 1984 को देश के लिए अपनी शहादत दी। श्रीमती इंदिरा गांधी जी का पूरा जीवन चरित्र देश व दुनिया के लिए प्ररेणा का स्त्रोत है। विश्व की ऐसी महान महिला का भारतीय होना, सभी भारतवासियों के लिए गर्व की बात है।
वहीं श्री कौशिक ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्मदिवस देशभर में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है उन्होंने देश की रियासतों को जोडऩे का काम किया है और उन्हीं की याद में देशभर में जहां उनके स्टैूच बनवा गए वहीं रन फार यूनिटी के माध्यम से लोग उन्हें याद करते है। सभी उपस्थितनों ने इंदिरा गांधी व सरदार वल्लभ भाई पटेल के बताए आदर्शाे पर चलने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर विनोद कौशिक, प्रेसीडेंट विचार विभाग एचपीसीसी, डा. सौरभ शर्मा, वाईस प्रेसीडेंट एआईपीसी, सोनू मौर्या प्रधान, सुनीता फागना महिला कांग्रेस प्रधान, दर्शन कौशिक, पूरन सिंह, महेश चंद, किशन सिंह, दरमविदर सिंह बघेल, कुमर सिंह, महेंद्र सिंह, रविन्द्र मेम्बर, सरला मैडल, अंजू शर्मा, लक्ष्मी, रंधाना फागना सहित अनेकों कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे।
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