कार्यक्रम का मंच संचालन रत्न इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट के डायरेक्टर श्याम सुन्दर शर्मा द्वारा किया गया। इस मौके पर उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए देवेंद्र चौधरी ने कहा कि जीवन में किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए गुरु का होना जरूरी है, चाहे स्कूल हो, कालेज हो या जीवन के अन्य रास्ते गुरु के माध्यम से ही हमारे जीवन को नई दिशा मिलती है।
उन्होंने कहा कि रत्न इंस्टीच्यूट ऑफ टैक्रोलॉजी एंड मैनेजमेंट संस्थान पिछले 16-17 सालों से देश के युवाओं के भविष्य को संवारने का काम कर रहा है और आज जब भारत टैक्रोलॉजी की नई बुलंदियों पर पहुंच रहा है तो ऐसे में हर युवा अपने भविष्य में नई ऊंचाइयां छूने का सपना देखता है और उसने पूरा करने का काम करता है।
उन्होंने कहा कि पिछले 15-20 सालों में टैक्रीकल एजुकेशन क्षेत्र में बहुत क्रांति आई है ऐसे में हर युवा को अपने भविष्य को संवारने के लिए ऐसा संस्थान की तलाश रहती है, जहां वह पढ लिखकर एक काबिल इंसान बने और नौकरी अथवा अपना व्यवसाय कर देश व समाज को संवारने का काम करे। श्री चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत विश्व में मजबूत शक्ति बनकर उभर रहा है, बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत में निवेश करने को आतुर है, जो युवाओं के लिए बेहतर संकेत है।
उन्होंने रत्न संस्थान से अपने जीवन की शुरूआत करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस मौके पर इंस्टीच्यूट के मैनेजिंग डायरेक्टर यशवीर डागर ने कहा कि उनका संस्थान पिछले कई वर्षों से छात्र-छात्राओं को बेहतर एजुकेशन देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का काम करा है, उनके यहां छात्र-छात्राओं को उनकी रुचि के अनुसार शिक्षा उपलब्ध करवाई जाती है ताकि वह भविष्य में एक अच्छे नागरिक बनकर देश व समाज की सेवा कर सके और उनके संस्थान से अब तक 14 हजार बच्चे शिक्षित होकर आज बेहतर मुकाम हासिल करने की ओर अग्रसर है। उन्होंने बताया कि संस्थान का प्रयास रहता है कि थर्ड ईयर के दौरान ही बच्चों को जॉब मिल जाएं और इसको लेकर वह बडी-बडी मल्टीनेशनल कंपनियों के रोजगार मेलों के माध्यम से ही भी छात्र-छात्राओं को बेहतर जॉब दिलवाने के लिए प्रयासरत रहते है।
इस अवसर पर भाजपा जिला आईटी सेल के प्रमुख अमित मिश्रा, संतोष धनकड़, तिलक कथूरिया, महेंद्र रावत, वीरेंद्र सरपंच, लुकेंद्र सिंह, मेजर सतबीर सिंह, सतीश दलाल, सुंदर लाल चुग, विजेंद्र यादव, अशोक पंडित, हर्ष कथूरिया सहित संस्थान के अध्यापकगण मौजूद थे।
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