जिन किसानों का पोर्टल पर पंजीकरण होगा वही कृषक अपनी फसल को मार्किट कमेटी में बेच पाएंगे और इसके साथ कृषि विभाग की विभिन्न स्कीमों जैसे भावांतर भरपाई योजना, मेरा पानी मेरी विरासत, इम्पलीमेंट आदि का लाभ भी तभी ले पाएंगे, जब किसान की फसल का पंजीकरण मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि ई-फसल क्षतिपूर्ति की सूचना देने के लिए भी मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर फसल का पंजीकरण अनिवार्य है। पंजीकरण कराना सभी किसानों के लिए जरूरी है। इस वर्ष से हरियाणा सरकार फसल पंजीकरण करने वाले किसानों को 100 रुपए प्रोत्साहन राशि डी.बी.टी. के माध्यम से दे रही है तथा पंजीकृत किसानों को ड्रा द्वारा ईनाम भी वितरित करेगी।
डीसी ने कृषि विभाग, सिचांई विभाग, जिला बागवानी विभाग, राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सभी मेरी फसल मेरा ब्यौरा के बारे में जिला के किसानों को जागरूक करें। इस कार्य को अभियान के रूप में लेकर शत प्रतिशत पूर्ण किया जाएगा।
उन्होंने किसानों से आह्वïान किया है कि वे अपने नजदीकी सी.एस.सी. सेंटर पर जाकर अपनी फसल का पंजीकरण विभागीय पोर्टल https://fasal.haryana.gov.in पर अवश्य करवाएं। किसानों की फसल के उचित मूल्य को प्रदान करने के लिए ही सरकार ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल के साथ-साथ मोबाईल ऐप भी शुरू की है, जिसमें पंजीकरण करने के बाद किसान अपनी फसल को उचित दाम में सरकार को बेच सकते है।
कृषि उपनिदेशक डा. अनिल सहरावत ने कृषि विभाग के सभी कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सभी सी.एस.सी. सेंटर्स पर जाकर कैंप लगाएं व सायं को अपने संबंधित गांवों में चौकीदार के माध्यम से मेरी फसल मेरा ब्यौरा के बारे में मुनादी करवाएं।
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