नवीन जयहिंद ने इस मौके पर कहा कि सरकार और प्रशासन आम जनता को परेशान करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है | विक्रम सिंह जो 100 % दिव्यांग है, कुछ नहीं कर सकते लेकिन परिवार पहचान पात्र में आय 10 लाख से भी अधिक दिखाई हुई है | दिव्यांग विक्रम का बीपीएल राशनकार्ड भी काट दिया गया |
विक्रम ने नवीन जयहिंद को बताया कि वे सीएम विंडो , ग्रीवेंस सेल, एडीसी ऑफिस में भी इस पर अपनी शिकायत दर्ज कर चुके है | लेकिन कहि भी उनकी सुनवाई नहीं हुई | एक दिव्यांग को चलने में असमर्थ है उनके बार -बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर कटवाए जा रहे है |
जयहिंद ने सरकारी तंत्र की कार्यवाही पर सवाल खड़े कहा कि परिवार पहचान पत्र में विक्रम सिंह की दो बेटियां 8 साल और 5 साल की है उनकी आय भी पांच -पांच लाख रूपये आमदनी दिखाई हुई है |वही विक्रम सिंह के 12 वर्षीय बेटे की आमदनी भी पांच लाख तक दिखाई हुई है | तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस स्तर पर सरकार परिवार पहचान पत्र के सत्यापन के लिए काम कर रहा है |
जयहिंद ने कहा कि सरकार को बुजुर्गों, विधवाओं व दिव्यांगों की समस्या नहीं दिख रही। जो परिवार पहचान पत्र में गड़बड़ी की भेंट चढ़े हुए हैं। मुख्यमंत्री को जनसंवाद कर रहे है उसमे जनता के समस्याओं को सुने और समाधान करें न कि सरकार की खोखली स्कीमों का बखान न करें |
नवीन जयहिन्द ने सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल उठा दिया और सरकार की नीतियों पर जमकर भड़ास निकाली और सरकार द्वारा लागू किए गए परिवार पहचान पत्र या फैमिली आईडी पर सवाल उठा दिए क्योकि सरकार द्वारा लागू किया गया परिवार पहचान पत्र के कारण प्रदेश की जनता को परेशान किया जा रहा हैं
इस मौके पर कुछ और महिलाएं भी अपनी राशनकार्ड कटने और पीपीपी की समस्याओं को नवीन जयहिंद से मिलने पहुंची | एक लड़की जिसके माता -पिता भी मर चुके है उसका भी सरकार ने राशनकार्ड काट दिया | जयहिंद ने सरकार और प्रशासन से अपील की कि सरकार और विभाग आँख मूंद कर काम न करें , जमीनी स्तर पर जाकर असलियत देंखे और फिर विभागीय कार्य करें | गरीबों और मजबूर जनता का मजाक न बनाये |
इसी में बॉक्स - कमजोर और गरीब की आवाज उठाओ , सिस्टम से लड़ाई लड़ो तभी मनेगा शहीद भगत सिंह का जन्मदिन - जयहिंद
नवीन जयहिंद ने इस मौके पर शहीद भगत सिंह को याद करते हुए प्रदेश के युवाओं को उनके जन्मदिवस की बधाई दी और कहा कि ये देश का सौभाग्य है कि ऐसे क्रांतिकारी वीर भारत में पैदा हुए है | आज हम शहीद भगत के "भ" बराबर भी बन जाए तो बहुत है | उनकी विचारधारा भ्रष्ट सिस्टम से लड़ने के लिए प्रेरित करती है | आज युवाओं को उनके दिखाए रास्ते पर चलने की कोशिश करनी चाहिए | कमजोर गरीब की आवाज उठानी चाहिए | सिस्टम से और सरकार की गलत नीतियों के लिए लड़ना चाहिए और आवाज बुलुंद करनी चाहिए | शहीद भगत सिंह भी यही कह कर गये है | गौरे अंग्रेज तो चले जायेंगे लेकिन काले अग्रेजों से काले सिस्टम से हमें लड़ना होगा |
हम शहीद भगत सिंह को मानने वाले है और भगत सिंह ने कहा था कि दूसरों के लिए संघर्ष करो | आज दूसरों और समाज की आवाज उठाने पर उन पर एक दर्जन केस दर्ज हो चुके है | लेकिन वे पीछे हटने वाले नहीं है | चाहे सरकार कितने ही केस दर्ज कर दे |
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