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आशा वर्करों से जनसंवाद कर चाँद पर भेजें CM - जयहिंद

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मंगलवार को नवीन जयहिंद रोहतक नया बस स्टैंड के सामने हुड्डा पार्क में धरना दे रही आशा वर्कर्स के बीच पहुंचे जो पिछले 35 दिनों से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही है।आशा वर्कर हर जिलें में धरना प्रदर्शन कर रही है। सरकार ने 2018 के बाद न तो कोई भत्ता दिया और न ही इनकी तनख्वाह में की बढ़ोतरी हुई है। सरकार खुद 7 हजार रुपए की घोषणा   कर चुकी है लेकिन अब तक सिर्फ 4 हजार रुपए ही मिले है। हमारी माताएं बहनें सड़कों पर है जो सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है।

जयहिन्द इस मौक़े पर सरकार पर जमकर बरसे और कहा कि इस गूंगी - बहरी सरकार को इस तरह से नारेबाजी करने से नहीं मानने वाले हैं सरकार के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठानी होगी।उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में लगभग 20,000 आशा वर्कर है अगर सभी एक - एक भी सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ अपने मांगों को लेकर वीडियो बनाएं और सब जगह शेयर करें तो सरकार अगले दिन ही सब कुछ लागू कर देगी।

अपने रिश्तेदारों- जानकारो में इन विडियोज शेयर करें और आगामी चुनाव में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले। पार्टियों सिर्फ वोट बैंक की भाषा समझती है। आशा वर्कर्स को अपने हक की आवाज उठाने के लिए खुद मैदान में उतरना होगा।आशा वर्कर्स आगे 20 लोगों के साथ सोशल मीडिया पर अपनी वीडियो शेयर करें, इस तरह से वे चार लाख लोगों के बीच सीधे तौर पर अपनी बातें पहुंचा सकती हैं और सरकार के खिलाफ विरोध कर सकती हैं।

नवीन जयहिंद ने कहा कि आशा वर्कर्स वही मांग लागू करने की कह रही है जो सरकार खुद घोषणा कर चुकी है। मुख्यमंत्री और स्वस्थ्यमंत्री अपनी कुम्भकरण की नींद से जागे नहीं तो आशा वर्कर्स सरकार का काल बनेगी ।

वर्कर्स को सरकार न तो कर्मचारी मान रही है और न ही उन्हें डीसी रेट के आधार पर तनख्वाह दे रही है । कोरोनाकाल में भी आशा वर्कर और आंगनवाड़ी वर्कर्स ने बढ़ - चढ़ के हिस्सा लिया था और जनता की सेवा की थी। वे स्वास्थ्य - सेवाओं की रीढ़ है। अगर ये हड़ताल पर है तो स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही है। 

सरकार आशा वर्कर्स का सीधे तौर पर शोषण कर रही है। जिस हिसाब से सरकार आशा वर्कर्स से काम ले रही है इनकी सैलरी 26 हजार नहीं 36 हजार होनी चाहिए।वे वर्कर्स के साथ तन मन धन से उनके संघर्ष में खड़े हैं और इनके साथ लठ खाने को तैयार है।

आशा वर्कर्स ने जयहिंद की पाठशाला में सीखा कि कैसे वे सोशल मीडिया के जमाने में इस का इस्तेमाल कर जमीनी स्तर की लडाई और उनके साथ हो रहे शोषण को ज्यादा लोगों तक पहुंचा सकती है।

नवीन जयहिंद और उनके साथियों ने धरने पर बैठी आशा वर्कर्स की आर्थिक मदद करते हुए₹7000 की राशि संगठन को भेंट की।    

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