फरीदाबाद - लोकसभा चुनावों के दंगल में अब फरीदाबाद के अखाड़े में उतरने के लिए तमाम पहलवान लगोंटी कस रहे हैं और कई नेता अब खुलकर बोल रहे हैं कि टिकट मिली तो वो लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। फरीदाबाद लोकसभा सीट हॉट सीट होती जा रही है क्यू कि दो जिलों की 9 विधानसभा सीटें आतीं हैं और फरीदाबाद राष्ट्रीय राजधानी से सटा है। फरीदाबाद के सांसद के लिए दिल्ली ज्यादा दूर नहीं होती। दिन में कई चक्कर दिल्ली का लगा लेते हैं और एक पूर्व सांसद तो दिल्ली में ही ज्यादा रहते थे जिन्हे दो बार से जनता नकार रही है और अब वो शहर से लगभग गायब से हैं।
वर्तमान सांसद कृष्णपाल गुर्जर केंद्र में मंत्री भी हैं और दो बार से रिकार्ड वोटों से जीत भी रहे हैं इसलिए शहर में चर्चाएं हैं कि रिकार्ड वोट से जीतने वाले सांसद की टिकट कैसे कट सकती है और क्या कारण है कि पूर्व उद्योग मंत्री विपुल गोयल के बाद अब तिगांव के भाजपा विधायक राजेश नागर भी खुलकर टिकट मांगने लगे हैं और टिकट मिलने का दावा भी कर रहे हैं।
इन दावों को लेकर हमने कई जगह फोन घुमाये तो पता चला कि कहीं से एक अफवाह फ़ैली है कि अगर कोई भाजपा नेता दो बार से सांसद है और 65 वर्ष से ज्यादा की उम्र है तो उसकी टिकट कट सकती है। यही अफवाह इन दोनों नेताओं तक भी पहुँची है इसलिए विपुल और राजेश भाजपा की टिकट लाने का दावा कर रहे हैं क्यू कि केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर की उम्र 65 से ज्यादा है। वैसे हर अफवाह सच नहीं होती और भाजपा में तमाम क्या कई दर्जन नेताओं की उम्र 65 से ज्यादा है ऐसे में राजनीति के जानकारों का कहना है कि ये सिर्फ अफवाह हो सकती है।
अब बात करें फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र की तो केपी गुर्जर 2014 में भाजपा के उम्मीदवार के रूप में 4,66,873 वोटों के अंतर से यह सीट जीती थी और 2019 में उन्होंने इसी सीट से 6 लाख से अधिक के अंतर से चुनाव जीता था। इसलिए किसी को भरोषा नहीं हो रहा है कि उनकी टिकट कटेगी।
फरीदाबाद में इस बार भी मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस में होगा। कांग्रेस से पलवल के पूर्व विधायक एवं पूर्व केबिनेट मंत्री करण दलाल मैदान में उतर सकते हैं। बड़खल के पूर्व विधायक और पूर्व केबिनेट मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह का नाम भी चर्चाओं में है। कहा जा रहा है कि महेंद्र प्रताप या उनके सुपुत्र विजय प्रताप भी लोकसभा की टिकट मांग सकते हैं।
राजनीति के जानकारों का कहना है कि भाजपा की टिकट फिर कृष्णपाल गुर्जर को मिलती है तो कांग्रेस से टक्कर होगी। कृष्णपाल गुर्जर को कमजोर समझने वाले बड़ी भूल और बड़ी गलती भी करने लगे हैं। अगर अफवाह सच हुई और उनकी टिकट कटी तो करण दलाल या प्रताप की लाटरी आराम से लग सकती है। कहा ये भी जा रहा है कि विधानसभा चुनावों में राजेश नागर को इस बार तिगांव से सीट बचानी मुश्किल होगी लेकिन उनके पास प्लस प्वाइंट ये है कि कांग्रेस के पूर्व विधायक ललित नागर पर भी अब भाजपा समर्थक होने के चर्चे पूरे तिगांव विधानसभा क्षेत्र में हैं।
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