यूनियन नेताओं ने सरकार से तुरंत बातचीत करके समाधान की मांग की । आज की हड़ताल व रोष प्रदर्शन की अध्यक्षता जिला प्रधान हुकम कौर ने कि व मंच संचालन कमला सिरसा घोघड़ा व कौशल्या तोशाम ने सयुक्त रूप से किया।
जिला उपायुक्त कार्यालय पर जारी हड़ताल व सभा को संबोधित करते हुए सीटू नेता व यूनियन नेत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार हर मोर्चे पर विफल रही हैं। आज देश व प्रदेश की सरकार स्वास्थय विभाग को मजबूत करने की बजाये नीजि हस्पतालों को लाभ पंहुचाने का काम कर रही हैं। जिसके चलते पीएचसी, सीएचसी व नागरिक हस्पतालों में डॉक्टर के सैकडों पद खाली पड़े हैं यहा तक कि टेस्ट मशीनों व दवाईयों का भी भारी अभाव हैं।
जिसके चलते जनता को नीजि हस्पतालों का रूख करना पड़ता हैं जहां उनका भारी शोषण किया जा रहा हैं। उन्होने कहा कि 20000 आशा कर्मी 31 दिन से हड़ताल पर हैं। मगर हरियाणा सरकार देश में सबसे ज्यादा देने का राग अलाप रही हैं। जबकि हालत ये हैं कि 2018 में हरियाणा सरकार ने 4000 रूपये मासिक वेतन लागू किया था। जिसके बाद से महंगाई में कई गुणा बढौतरी हो चुकी है व कई तरह के नये काम आशा कर्मीयों पर लाद दिये गये हैं।
2019 में हरियाणा सरकार के इन्सेटिव में कटौती कर दी हैं। आशा कर्मी जनता के बीच की महत्वपूर्ण कड़ी हैं जो घर-घर जाकर महिलाओं व जनता को सरकार की स्वास्थय सेवाओं के बारे में जागरूक करती हैं जिसके चलते आज हरियाणा में नियमित टीकाकरण व गर्भवती महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा के जरूरी उपाये के बारे में जागरूक करने व हस्पताल तक ले जाने का काम करती हैं जिसकी बदौलत में गर्भवती महिलाओं की संस्थागत डिलीवरी संभव हो पाई हैं व मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर में भारी कमी आई हैं।
आज की हड़ताल व रोष सभा को सीटू नेता सुखदेव पालवास, पूर्व कर्मचारी नेता व फुलचन्द, भीम सिंह, यूनियन नेत्री सुमन, कांता, शकुंतला, सुशीला, सेवानगर पीएचसी, बबीता देवी, कविता, शीला, मंजू, सुदेश, मनीता नंदगांव पीएचसी, लखपती, रेखा, सुनेहरी, कुसुम, सुमन, ज्योती मानेहरू, निर्मला, मिनाक्षी, कौशल्या, सरोज बाला, सरोज, कंचन, राजकुमारी, सुनीता, तोशाम, सरोज, प्रमिला, सुनीता, मंजू, सन्हेलता संण्डवा, मदनलाल सरोहा, भूप सिंह वेदप्रकाश कटारिया आदि ने भी सम्बोधित किया।
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