केएमपी रोड से लेकर बहीन गांव तक लगभग 10 किलोमीटर तक तिरंगा झंडा लगी वाहनों के काफिले के साथ सेना के उस वाहन को लाया गया, जिसमें शहीद मनमोहन का पार्थिव शरीर रखा हुआ था। गांव में शहीद के पार्थिव शरीर के पहुंचने पर उसके अंतिम दर्शन करने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा।
महिलाओं व बच्चों ने अपने घरों की छतों पर चढक़र अश्रुपूर्ण नेत्रों से शहीद मनमोहन के अंतिम दर्शन किए। सेना की टुकड़ी ने सेना की परम्परा अनुसार उन्हें अंतिम सलामी दी। एक वर्षीय पुत्र अर्पित ने अपने दादा बाबू राम की गोद में बैठकर शहीद पिता के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी।
केंद्रीय ऊर्जा एवं भारी उद्योग राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, करनाल के सांसद संजय भाटिया ने पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर पूर्व मंत्री हर्ष कुमार, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान, पूर्व विधायक रामजीलाल डागर, पूर्व विधायक केहर सिंह रावत, विधायक होडल के प्रतिनिधि प्रदीप नायर, पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह, एसडीएम लक्ष्मीनारायण, हथीन के डीएसपी सुरेश कुमार भडाना, जजपा के वरिष्ठ नेता सुखराम डागर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चौधरी इसराइल कोट, समाजसेवी भगवत रावत, लवकुश रावत, नरेंद्र रावत सहित इलाके के सैंकड़ों मौजिज लोगों व प्रशासनिक अधिकारियों ने शहीद मनमोहन को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
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