केंद्रीय राज्यमंत्री ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि इस आधुनिक वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन में आधुनिक इंजीनियरिंग की तर्ज पर स्टेशन के दोनो ओर आईकॉनिक भवन बनाये जायेंगे जो स्थानीय कला और संस्कृति को प्रदर्शित करेंगे। इसमें हवाई अड्डों की तरह प्रस्थान और आगमन की अलग-अलग सुविधा होगी।
स्टेशन के दोनों तरफ मल्टी लेवल कार पार्किंग (एमएलसीपी) भी होंगे। दोनों तरफ के स्टेशन भवनों को जोड़ने वाले 72 मीटर चौड़े एक सुसज्जित कॉनकोर्स की भी योजना बनाई गई है, जिसमें विशाल वातानुकूलित प्रतीक्षा क्षेत्र और फूड कोर्ट की सुविधा होगी। इसके अलावा, दो 12 मीटर चौड़े फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) का निर्माण भी किया जाएगा।
उन्होंने बाते कि निर्बाध आवाजाही प्रदान करने के लिए मल्टी लेवल कार पार्किंग, एफओबी और कॉनकोर्स को जोड़ा जाएगा। स्टेशन के दोनों ओर स्थानीय परिवहन की व्यवस्था रहेगी। स्टेशन में स्मार्ट बिल्डिंग के साथ-साथ ग्रीन बिल्डिंग की भी खूबियां होंगी।
यह स्टेशन न केवल ट्रेनों में चढ़ने की जगह के रूप में बल्कि अन्य मनोरंजक गतिविधियों, शॉपिंग प्लेस, फूड कोर्ट आदि के लिए सिटी सेंटर के रूप में भी काम करेगा। इस परियोजना पर 262 करोड़ रुपये की लागत का खर्च आएगा और यह पुनर्विकास कार्य 30 महीनों में पूरा होगा
प्रस्तावित पुनर्विकास परियोजना की हैं विभिन्न विशेषताएं: कृष्ण पाल गुर्जर
केंद्रीय ऊर्जा एवं भारी उद्योग राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि इस प्रस्तावित परियोजना की विभिन्न विशेषताएं हैं। उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि दोनों ओर स्थित स्टेशन भवनों के लिए दोनों तरफ से प्रवेश का प्रावधान होगा। 72 मीटर चौड़े कॉनकोर्स क्षेत्र का प्रावधान होगा, जो पूर्व में स्थित स्टेशन भवन को पश्चिम की ओर के स्टेशन भवन से जोड़ता है तथा विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ सभी प्लेटफार्मों और ट्रैकों पर फैला हुआ है।
यह कॉनकोर्स सभी दिशाओं/ट्रेनों के यात्रियों के लिए एक सामान्य प्रतीक्षा क्षेत्र के रूप में काम करेगा। लगभग 350 दोपहिया वाहनों और 250 कारों की पार्किंग क्षमता के लिए पूर्व और पश्चिम दोनों तरफ बहु-स्तरीय कार पार्किंग की व्यवस्था होगी।
12 मीटर चौड़े, दो नए फुट ओवर ब्रिज का प्रावधान इस परियोजना में शामिल है जो कॉनकोर्स के साथ-साथ मल्टी लेवल कार पार्किंग से जुड़े होंगे। दोनों एफओबी पर एस्केलेटर उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रस्तावित भवन में कॉनकोर्स और फुट ओवर ब्रिज के लिए सामान्य छत होगी और रोशनदान का प्रावधान होगा।
नए स्टेशन परिसर को 40 वर्षों की भविष्य की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। इस परिसर की योजना ग्रीन बिल्डिंग अवधारणा पर बनाई गई है, जिसमें सोलर पैनल, सोलर ट्री, सोलर बेंच, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, पानी की रीसाइक्लिंग, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, जैविक अपशिष्ट प्रबंधन (Biological Waste Management) इकाई आदि जैसे प्रावधान हैं। यात्रा संबंधी जानकारी के लिए डिजिटल डिस्प्ले होंगे। इमारतों में बीएमएस/एससीएडीए, अग्निशमन प्रणालियों के साथ स्मार्ट इमारतों की विशेषताएं भी होंगी।
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