उन्होंने बताया कि कृषि विभाग से खंड कृषि अधिकारी देवेंद्र कुमार, खंड तकनीकी प्रबंधक सुंदर सिंह, सहायक तकनीकी प्रबंधक अतुल शर्मा, राकेश सिंह व राजेन्द्र सिंह ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए सरकार की जल संरक्षण के लिए कपास फसल को बढावा देने हेतु किसानो को जागरूक किया, क्योंकि अहरवां के आस-पास के क्षेत्र के किसान सेजा एवं खारे पानी की समस्या से जूझ रहे है।
इस स्थिति में कपास की फसल ही विकल्प हैं, जिसमें पानी की कम आवश्यकता होती है। किसान मेले में अहरवां के साथ-साथ दुर्गापुर, रतिपुर, रजोलाका, महेशपुर, जोहरखेडा आदि गांवों के किसानो ने भाग लिया तथा कृषि से संबंधित अपनी समस्यों के विषय में कृषि विशेषज्ञो से विचार-विमर्श किया।
खंड होडल के गांव दीघोट में कृषि विभाग से खंड तकनीकी प्रबंधक रामदेब के साथ, कृषि विकास अधिकारी खटेला कुमार नेन्सी एवं कृषि विकास अधिकारी होडल कुमारी रूबी ने कृषि विभाग की तरफ से कार्यक्रम में उपस्थित हुए किसानो का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आने वाले समय में जल की व्यवहारिक आवश्यकताओं के साथ-साथ खेती बाडी में भी कमी आ रही है।
इसलिए हमारे किसानों को उन फसलो की ओर अग्रसर होना पडेगा, जिनमें पानी की कम आवश्यकता होती है और कपास फसल इसका समाधान है। इसलिए किसान धान की ख्ेाती के स्थान पर कपाास की फसल का उत्पादन करें, क्योंकि इसमें धान जैसी फसलो की अपेक्षा कम लागत लगती है।
कृषि उप निदेशक डा. अनिल सहरावत ने जिला के किसानो को सरकार द्वारा चलाई जा रही स्कीमो से जुडे रहने के लिए ऑनलाईन माध्यम से अधिक से अधिक पंजीकृत होने का आह्वान किया और मेरी फसल-मेरा ब्यौरा के साथ-साथ मेरा पानी मेरी विरासत, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना द्वारा लाभ अर्जित करने के विषय में भी जागरूक किया। कृषि उपनिदेशक ने आह्वान करते हुए कहा कि agriharyana.gov.in पोर्टल पर सभी किसान अपना पंजीकरण करा लें, क्योंकि विभाग द्वारा चलाई जा रही मुख्य योजनाओ को इस पोर्टल पर प्रदर्शित किया जाता है।
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