पंचकूला । 10 साल पुरानी आईटीआई की रुकी भर्तियों को पूरी करवाने की मांग को लेकर पंचकूला सेक्टर-5 में युवा धरने पर बैठे है। जिनके समर्थन में रविवार 30 जुलाई को नवीन जयहिन्द पंचकूला धरना स्थल पर पहुंचे और उनकी मांगों का समर्थन किया। जिसके बाद वहां भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। जयहिन्द ने मुख़्यमंत्री को चेताते हुए कहा कि यह विभाग तो आपके अंतर्गत आता है, तो आईटीआई की रुकी जोइनिंग को लेकर इतना समय क्यों लग रहा है। यह मुख़्यमंत्री के तानाशाही रवैये को दर्शाता है। साथ ही जयहिन्द ने कहा कि जल्द से जल्द इनकी जोइनिंग होनी चाहिए व सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए और नई भर्तियां निकाली जाए।
इसके बाद वहां प्रशासन का अधिकारी नायब तहसीलदार पहुंचे लेकिन जयहिन्द व धरना से रहे लोगो ने उनसे कहा कि मुख़्यमंत्री के ओएसडी को यहां बुलाए या हमारी बात उनसे करवाए। लेकिन नायब तहसीलदार उनकी इन बातों से किनारा करते नजर आए।
जयहिन्द ने कहा कि लगता है मुख़्यमंत्री के कानों में मैल ज्यादा हो गया है जो इनकी मांग उन्हें सुनाई नही दे रही। जयहिन्द ने आईटीआई वालो को सलाह देते हुए कहा कि जहां भी मुख़्यमंत्री जनसंवाद करें वहां अपने गले मे ढोल टांगकर पहुंचना पड़ेगा तभी उन्हें आपकी मांग सुनाई देगी।
जयहिन्द ने बताया कि ये पिछले चार साल से अपनी जोइनिंग करवाने को लेकर चक्कर लगा रहे है, जिसमे 50 से ज्यादा बार तो ये मुख़्यमंत्री से भी मिल चुके है, लेकिन इनकी जोइनिंग नही हुई। इनका मामला हाई कोर्ट में अटका हुआ है जिसकी जिम्मेवार यह सरकार है। दो हजार से ज्यादा कैंडिडेट अपनी जोइनिंग का इंतजार कर रहे है। आप देखिए कि इन लोगो का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन भी हो चुका है लेकिन अभी तक इनकी जोइनिंग नही की गई। साथ ही जयहिन्द ने बताया कि कोर्ट का आदेश जब कहाँ जाता है जब इन सरकार के लोगो को रैलियां करनी होती है।
जयहिन्द ने कहा कि मुख़्यमंत्री पूरे हरियाणा में जानसंवाद करते घूम रहे है तो एक जनसंवाद उन्हें आईटीआई वालो के साथ भी करना चाहिए। साथ ही जयहिन्द ने बताया कि यहां जो पुलिस वाले आये हुए वे भी इस सरकार से दुखी है, भले ही ये कुछ कह नही सकते लेकिन अंदर ही अंदर मुख़्यमंत्री को गालियां देते है। क्योंकि इस सरकार ने सरकार बनने से पहले हरियाणा पुलिस का वेतन पंजाब पुलिस के समान करने का वादा किया था जो आज तक पूरा नही किया और इन्हें खाने के सिर्फ 600 रुपये मिलते है बताओ इतने रुपयों में आदमी क्या खायेगा?
मुख़्यमंत्री जो जनसंवाद करते है वह पहले से ही तय होता है इसका एक उदाहरण देते हुए जयहिन्द ने बताया कि मुख़्यमंत्री के एक जनसंवाद में उनका एक बुजुर्ग रांडा मित्र आकर बोला कि रांडे आदमियों की बड़ी समस्या है, तो मुख़्यमंत्री में रांडा पेंशन लागू कर दी। आप देखिए की जब एक बुजुर्ग रांडे के कहने पर मुख़्यमंत्री पॉलिसी बना सकते है तो इन दो हजार आईटीआई वालो की मांग पर रोकी हुई जोइनिंग क्यों नही करवा सकते?
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