मुख्य सचिव संजीव कौशल ने पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए कि ड्रग तस्करी में शामिल आरोपियों की संपत्ति को अटैच करने की विस्तृत रिपोर्ट मुख्यालय को अवश्य भेजें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को ड्रग ओवरडोज से होने वाली मृत्यु के पोस्टमार्टम से संबंधित विशेष मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जल्द से जल्द तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही, नशा मुक्ति केंद्रों द्वारा नशा पीड़ितों के ईलाज के लिए दवाओं के उपयोग की मात्रा से संबंधित भी एक स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट गाइडलाइन्स तैयार की जाएं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के मार्गदर्शन में जिलों में राहगीरी कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन राहगीरी कार्यक्रमों में भी हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारी शामिल हों और युवाओं को नशे की बुराई के बारे में बताएं। इस प्रकार के कार्यक्रम लोगों को जागरूक करने का अच्छा माध्यम बन रहे हैं।
उन्होंने बताया कि ड्रग ओवरडोज से मृत्यु हुई है या नहीं ये पता लगाने के लिए सबसे जरूरी है कि मृतक ब्लड, स्किन इत्यादि जितने भी प्रकार के सेंपल हैं, वे पहले 2-3 घंटों में ही लिए जाएं। वर्तमान में इन सैंपलों की जांच केवल मधुबन स्थित फोरेंसिक लैब में की जाती है, जिससे वहां अधिक दबाव है। इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी इस प्रकार के सैंपल एकत्र कर एनएबीएल मान्यता प्राप्त लैब से जांच करवाई जा सकती है।
मुख्य सचिव ने निर्देश देते हुए कहा कि जिला उपायुक्त जिला स्तरीय कमेटी की मासिक बैठक कर समीक्षा करें। साथ ही, इन बैठकों की जानकारी और निर्णयों को हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पोर्टल पर अपडेट करना सुनिश्चित करें। उन्होंने उपायुक्तों को यह भी दिशा निर्देश दिए कि वे सम्बन्धित एसडीएम को हर माह उनके क्षेत्रों में स्थापित एक-एक नशा मुक्ति केन्द्र का निरीक्षण कर उसकी रिपोर्ट निर्धारित प्रोफार्मा में भेजकर उसे पोर्टल पर भी अपलोड करवाना सुनिश्चित करवाएं।
प्रदेश में नशा मुक्ति केन्द्र का निरीक्षण कर रिपोर्ट करें।
फरीदाबाद जिला मे डीसी विक्रम सिंह ने मुख्य सचिव को अवगत करवाया। डीसी विक्रम ने बताया कि जिला में नशामुक्त भारत अभियान के तहत सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार नियमित रूप से एनसीओआरडी की बैठक आयोजित जाती है।
वहीं संबंधित एसडीएम द्वारा नशा मुक्ति केन्द्रों का निरीक्षण किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान जिन नशा मुक्ति केन्द्रों पर कुछ कमी पाई गई है तो उन्हें नोटिस देकर कमी को दूर करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं जिन स्थानों पर नशे संबधी गतिविधियां पाई थी उसके तहत विशेष कार्यक्रम आयोजित करके लोगों को नशे से दूर रहने बारे भी प्रेरित करने का काम किया जा रहा है।
वीसी के बाद डीसी विक्रम सिंह ने संबंधित अधिकारियों की बैठक लेते हुए उन्हें निर्देश दिए कि वीसी के दौरान जो दिशा-निर्देश मिले हैं। उसकी अनुपालना के तहत इस विषय के तहत कार्यों में तीव्रता लाएं,सरकार का मुख्य ध्येय मकसद नशे को जड़ से खत्म करना है।
बैठक में एडीसी अपराजिता, एसडीएम बड़खल पंकज सेतिया, डीडीपीओ राकेश मोर, तहसीलदार सहित स्वास्थ्य, शिक्षा, राजस्व और अन्य संबंधित विभागों अधिकारीगण मौजूद रहे।
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