चंडीगढ़। भारतीय जनता पार्टी ने मिशन 2024 जीतने के लिए फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र में अपने रणबांकुरों का पैनल बना लिया है। लोकसभा चुनाव के लिए तो पार्टी के पास केंद्रीय भारी उद्योग एवं ऊर्जा राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर एकमात्र प्रत्याशी हैं लेकिन गुर्जर को लोकसभा क्षेत्र की नौ विधानसभा सीटों पर मजबूत करने वाले प्रमुख नेताओं का पैनल भी पार्टी ने एक तरह से तय कर दिया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार सुबह फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र के नौ विधानसभा क्षेत्रों के जिन नेताओं को बुलाया, उन्हें पहले से यह आदेश थे कि वे अपने क्षेत्र में लंबित कार्यों की सूची चंडीगढ़ लेकर आएं। चंडीगढ़ पहुंचे इन नेताओं के कहने पर अधिकारियों ने मुख्यमंत्री आवास पर मौजूद इन नेताओं द्वारा दी गई विकास कार्यों की प्राथमिकता दे दी।
राजनीति में संकेत बहुत कुछ कहते हैं...
2008 में फरीदाबाद की तत्कालीन उपायुक्त डाक्टर जी.अनुपमा के कार्यालय से जब मैंने तत्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नजदीकी रघुबीर तेवतिया को एक घंटे की मीटिंग के बाद बाहर निकलते देखा तो मन में जिज्ञासा थी कि तेवतिया ने एक घंटे में उपायुक्त से क्या चर्चा की। बाहर निकले तेवतिया ने अपने भोले अंदाज में बता दिया, अजी कुछ नहीं साहब, कुछ काम थे लोगों के, वे ही डीसी साहिबा को बताए हैं। अब जब डीसी साहिबा से तेवतिया के मिलने का कारण पूछा तो बोलीं- ये तेवतिया क्या वास्तव में सीएम साहब के इतने ज्यादा नजदीकी हैं कि उन्होंने इनसे परिसीमन के बाद नए बने पृथला क्षेत्र में किए जाने वाले कार्यों की सूची मांगने का आदेश दिया था। हम समझ गए हुड्डा ने तेवतिया को पृथला से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ाने का मन बना लिया था। यही हुआ। इसलिए हम सीएम मनोहर लाल आैर भाजपा के इस इशारे को समझ रहे हैं।
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-नेता खुद नहीं गए बल्कि सीएम के ओएसडी जवाहर यादव ने बुलावा भेजा
मुख्यमंत्री की तरफ से चंडीगढ़ के लिए विधानसभा अनुसार बुलावा सीएम के ओएसडी जवाहर यादव ने दिया। फरीदाबाद के छह विधानसभा क्षेत्रों से चार-चार और पलवल जिला के तीन विधानसभा क्षेत्रों से पांच-पांच नेताओं को बुलाया गया था।
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-विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के चलते सीएम से मिलकर निकल गए कृष्णपाल
चंडीगढ़ में इस मीटिंग से पहले ही केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे क्योंकि संसद में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के चलते पार्टी संगठकों का आदेश दिल्ली में रहने का था। वैसे चंडीगढ़ से बुलावा तिगांव क्षेत्र के लिए गुर्जर के पुत्र देवेंद्र चौधरी को भी पहुंचा था लेकिन देवेंद्र भी चंडीगढ़ नहीं पहुंचे। असल में देवेंद्र वहां नहीं पहुंचते हैं जहां उनके पिता होते हैं।
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कड़ा होगा फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र में टिकट का मुकाबला
वैसे तो अभी विधानसभा क्षेत्र के लिए प्रत्याशी चयन प्रक्रिया को लेकर कुछ कहना बहुत जल्दबाजी होगी लेकिन
एक विधानसभा क्षेत्र से सिर्फ चार या पांच नेताओं को चंडीगढ़ बुलाना और फिर उनसे क्षेत्र के विकास कार्य करवाने के लिए सुझाव लेने का फैसला मुख्यमंत्री ने यूं ही नहीं लिया होगा। इसके पीछे सरकार व भाजपा की एक बड़ी सोच रही होगी। अब अगर फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र के चार नेताओं पर नजर डालें तो यहां टिकट के लिए काफी कड़ा मुकाबला होगा। अजय गौड़ इस विधानसभा क्षेत्र में इस बार सबसे गंभीर उम्मीदवार बन गए हैं।
1.फरीदाबाद विधानसभा
-अजय गौड़
-विपुल गोयल
-धनेश अदलखा
-नरेंद्र गुप्ता
तिगांव में राजेश नागर और देवेंद्र चौधरी के बीच ही रहेगा टिकट का मुद्दा। राजेश के अलावा तिगांव में सबकुछ कृष्णपाल गुर्जर का ही है।
2.तिगांव विधानसभा
-राजेश नागर
-देवेंद्र चौधरी
-ओमप्रकाश रक्षवाल
-पुनीता झा
बल्लभगढ़ में मूलचंद शर्मा के सामने किसी नेता की नहीं है कोई खास दावेदारी
3.बल्लभगढ़ विधानसभा
मूलचंद शर्मा
गोपाल शर्मा
हुकम सिंह भाटी
रामेश्वर प्रजापति
बड़खल में सीमा के सामने सिर्फ संदीप जोशी की ही रहेगी दावेदारी
4.बड़खल विधानसभा
सीमा त्रिखा
सुमन बाला
संदीप जोशी
राजन मुथरेजा
एनआइटी में फिर यशवीर डागर एक नंबर पर पहुंचे, नीरा तोमर भी गंभीर प्रत्याशी हो सकती हैं
5.एनआइटी विधानसभा
-यशवीर डागर
-नगेंद्र भड़ाना
-नीरा तोमर
-डाक्टर आरएन सिंह
पृथला में हुआ अप्रत्याशित बदलाव, टेकचंद शर्मा का नाम नंबर एक पर।
6.पृथला विधानसभा
-टेकचंद शर्मा
-सोहन पाल छोकर
-बलदेव अलावलपुर
-बिजेंद्र नेहरा
पलवल में दीपक मंगला को नहीं है किसी से कोई चुनौती
7.पलवल
-दीपक मंगला
-वीरपाल दीक्षित
-गिर्राज डागर
-एलडी वर्मा
-प्रवीण ग्रोवर
होडल में जगदीश बाल्मीकि के सामने सिर्फ हरेंद्र रामरतन ही दावेदार
8.होडल
-हरेंद्र रामरतन
-जगदीश बाल्मीकि
-मोनू कालड़ा
-भूपराम पाठक
-चरणजीत सिंह तेवतिया
हथीन में प्रवीण डागर के सामने पूर्व विधायक केहर सिंह की मजबूत दावेदारी
9.हथीन
-केहर सिंह
-प्रवीण डागर
-रशमी सहरावत
-ताहिर हुसैन
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