डीसी विक्रम सिंह ने आगे बताया कि पिछले कुछ सालों से लोगों में ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते क्रेज के चलते अक्सर लोग सोशल मीडिया पर बंपर डिस्काउंट, लॉटरी या फिर इनामी विज्ञापनों के झांसे में आ जाते हैं। जहां ऐसे मामलों में नागरिकों के लिए पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि इस्तेमाल की जा रही वेबसाइट सुरक्षित है या नहीं। यदि संभव है तो ऑनलाइन साइट्स से सामान मंगवाते समय कैश ऑन डिलीवरी का ऑप्शन चुनना चाहिए। ताकि बैंक और कार्ड डिटेल साइबर अपराधियों के हाथ न लग सके।
उन्होंने कहा कि यदि फिर भी किन्ही कारणों से किसी प्रकार की साइबर धोखाधड़ी होती है तो वे सबसे पहले हेल्पलाइन नंबर 1930 डायल करें और शिकायत को साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर अवश्य दर्ज करें। सभी लोग साइबर अपराधों से सावधान रहें और अपने परिवार के सदस्यों को भी जागरूक करें। साथ ही साइबर धोखाधड़ी जैसे अपराध की रिपोर्ट करने के लिए पुलिस स्टेशन जाकर पारंपरिक तरीके से एफआईआर करवाना व उसकी जांच होना एक लंबी प्रक्रिया है।
ऐसे में तुरंत कार्रवाई के लिए हेल्पलाइन का विकल्प सबसे सर्वोत्तम माध्यम है। ऐसे मामलों की जितनी जल्दी सूचना दी जाती है, तो उसको लेकर ट्रांजेक्शन रोकने के लिए पीड़ित को त्वरित सहायता प्रदान की जा सकती है। पीड़ित व्यक्ति साइबर क्राइम की वेबसाइट साइबरक्राइम.जीओवी.आईएन (https://cybercrime.gov.in/) पर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।
Post A Comment:
0 comments: