उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर-2 दिल्ली मथुरा रोड पर ट्रैफिक व्यवस्था अधिक होती है। बिना परमिशन के कोई शिविर नहीं लगाया जाएगा। इसके अलावा राष्ट्रीय मार्ग पर कोई भी कांवड़ शिविर नहीं लगाया जाएगा। उन्होंने एमसीएफ, अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र के मुख्य मार्गों, जहां से जल लेकर कावड़िए अपने गंतव्य स्थानों तक जाते हैं, उनकी उचित मरम्मत और साफ़-सफाई सुनिश्चित करें।
उन्होंने आगे कहा की कांवड़ शिविर में उचित लाइट का प्रबंध, साफ़-सफाई, शिवरों को सेनेटाइज्ड तथा सीसीटीवीका भी प्रबंध हो। रोड पर खम्बों पर रिफ्लेक्टर लगाए। कावड़ियो के स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए चिन्हित जगाओ पर एम्बुलेंस कि व्यवस्था हो। चिन्हित जगहों पर जहा सड़क में जलभराव होते हो वहा टैंकर खड़े करे ताकि जलभराव को रोका जा सके।
उपायुक्त ने संबंधित थाना प्रबंधकों को भी निर्देश दिए कि जहां ट्रैफिक ज्यादा तेज हो वहां बैरिकेड लगाए जाएं। कांवड़िए भी अपने साथ गैस सिलेंडर, हॉकी, लाठी, डंडा, बेसबॉल बैट आदि नहीं रख सकेंगे।
उपायुक्त ने कहा कि आगरा कैनाल और बाईपास रोड से कांवड़ियों का आवागमन ज्यादा होता है, इसलिए संबंधित विभागों के अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में उस सड़क की मरम्मत कराना सुनिश्चित करें, जिससे कांवड़ियों को परेशानी का सामना न करना पड़े।
बैठक में एडीसी अपराजिता, डीसीपी सेंट्रल पूजा वशिष्ठ, एसडीएम बल्लभगढ़ त्रिलोक चंद, सीटीएम अमित कुमार, तहसीलदार भूमिका लांबा, सीएमओ डॉ विनय गुप्ता, एसीपी ट्रैफिक विनोद कुमार, एसीपी सराय देवेंद्र सिंह, एसीपी बल्लभगढ़ मुनीश सहगल, रेडक्रॉस सचिव बिजेंद्र सौरोत सहित, डीएफओ सुरेंद्र पाल अन्य कई अधिकारीगण मौजूद रहे।
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