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DC विक्रम सिंह ने बाढ़ पीड़ितों को लेकर समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए

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फरीदाबाद ,19 जुलाई। डीसी कम जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष विक्रम सिंह ने कहा कि यमुना नदी के तटीय क्षेत्रों में खेतों आई बाढ़ पीडितो के बचाव कार्य जारी हैं। लोगों को घबराने जरूरत नहीं प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी पीड़ितों की मदद के अपने अपने इलाकों में मुस्तैदी के साथ कार्य कर रहे हैं।

डीसी विक्रम सिंह आज बुधवार को दोपहर लघु सचिवालय के बैठक कक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि  मुआवजे के लिए गिरदावरी शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ के कारण जिन लोगों की मृत्यु हुई है उन लोगों को मुआवजा दिया जाएगा। वहीं जिन लोगों के घर मकान टूटे हैं या जिनकी फसलें बाढ़ के कारण खराब हुई है उन्हें भी मुआवजा दिया जाएगा।

तीनों एसडीएम हैं नोडल अधिकारी:-

एसडीएम फरीदाबाद परमजीत चहल को फरीदाबाद  ब्लाक के लिए, एसडीएम बड़खल पंकज सेतिया को बड़खल तिगांव ब्लाक के लिए और एसडीएम बल्लभगढ़ त्रिलोक चंद को बल्लभगढ़ ब्लाक के लिए ओवर आल नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। वहीं स्वास्थ्य तथा पशुपालन विभाग के अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों व यमुना से सटे गांवों में स्वास्थ्य जांच शिविर लगाने के आदेश भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि आमजन तथा पशुओं में किसी भी प्रकार की बीमारी ना फैले इसके लिए सभी कदम उठाए जाएं। डीसी ने डीडीपीओ राकेश मोर को सभी गांव में फॉगिंग कराने व बिजली विभाग को सभी लीगल कटे हुए कनेक्शन दोबारा स्थापित करने के भी निर्देश भी दिए

डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि यमुना नदी के जलस्तर स्थिति पर नियंत्रण रखने और किसी भी असामान्य स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन द्वारा हेल्पलाइन नंबर 0129-2227937 जारी किया गया है।

डीसी एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष विक्रम सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला में किसी भी तरह से बाढ़ की स्थिति पर नियंत्रण रखने और किसी भी असामान्य स्थिति पर रोक लगाने के लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। किसी भी प्रकार की आपात स्थिति की जानकारी देने के लिए संपर्क किया जा सकता है। इसी के दृष्टिगत यह नंबर जारी किया गया है जिस पर संबंधित सूचना जिला प्रशासन को दी जा सकती है और किसी भी प्रकार की सहायता के लिए संपर्क किया जा है।

मोबाइल मेडिकल यूनिट सेवा भी उपलब्ध, सभी जरूरी दवाएं करवाई जा रही हैं मुहैया

उपायुक्त विक्रम सिंह ने बताया कि यमुना में पानी आने से शेल्टर होम में रखे गए लोगों का स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। इसके लिए सीएमओ डॉ. विनय गुप्ता के पर्यवेक्षण में स्वास्थ्य विभाग की 25 टीमों का गठन किया गया है। सीएमओ डॉ. विनय गुप्ता को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी तरह की दवाओं की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि मोबाइल मेडिकल यूनिट सहित अलग-अलग स्थानों पर एंबुलेंस सेवा भी उपलब्ध हैं ताकि जरूरत पड़ने पर किसी भी व्यक्ति को समय पर सहायता प्राप्त हो सके।

सीएमओ डॉक्टर विनय गुप्ता खुद फील्ड पर सारी व्यवस्था का जायज़ा ले रहे हैं। यमुना में बढ़े जलस्तर के बाद आस-पास के गांवों में गंदे पानी से पैदा होने वाली बीमारियों से लोगों को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर कदम उठाएं जा रहे हैं। सभी 14 शैल्टर होम में निरंतर लोगों का उपचार किया जा रहा है।

यमुना से सटे गांव बसंतपुर, ददसिया, किडावली, लालपुर,मौजमाबाद, भस्कोला,महावतपुर, अमीपुर, सिधोला, चिरसी, कबूलपुर पट्टी महताब, कबूलपुर पट्टी परवरिश गांव, अकबरपुर, माजरा शेखपुरा, दयालपुर, मंझावली, गुरसान, नगला माजरा चांदपुर, शाहजहांपुर, शाहुपुरा, बिकुका, दुलहीपुर, नतीफपुर, जफरपुर माजरा छांयसा, छायंसा और मोहना, कांवरा, डूंगरपुर, रायपुर कलां, पल्हैड़ा और तिलोरी खादर में स्वास्थ्य विभाग मुस्तैदी से कार्य कर रही हैं।

सीएमओ डॉ. विनय गुप्ता ने बताया कि यदि किसी भी व्यक्ति को कोई जानकारी की आवश्यकता है या किसी भी प्रकार की सूचना जिला प्रशासन को देनी है तो वे सेक्टर-12 स्थित डीआरओ कार्यालय में स्थापित किये गए बाढ़ नियंत्रण कक्ष के टेलीफोन नंबर 0129-2227937 पर दे सकते हैं। 

बता दें कि यमुना का जल स्तर बढ़ने के कारण कई इलाकों के रिंगबंध में आई दरार को भरने का काम यथाशिघ्र पूरा करवा दिया गया था। डीसी के दिशानिर्देशन में डम्परों के माध्यम से मिट्टी लाकर इस कटाव को भरने का काम सम्बंधित एसडीएम की देखरेख में चलाकर पूरा करवाया गया। पुलिस आयुक्त विकास अरोङा तथा डीसी विक्रम व अन्य अधिकारियों ने मिट्टी  भरने के कार्य को मौके पर जाकर स्वयं देखा और इस कार्य में लगे अधिकारियों को आवश्यक दिशानिर्देश भी दिए गए थे। 

वहीं डीसी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यमुना नदी के तटीय क्षेत्रों में खेतों में पानी भरने के दौरान  तमाशबीन लोग सड़कों पर आ गए थे। परन्तु जिला प्रशासन और समाज सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने पानी के भराव क्षेत्र को भी जल्द से जल्द खाली करते हुए सड़कों को यातायात के लिए उपयुक्त बनाने के निर्देश भी दिए थे। सभी सडकें वाहनों के लिए जल्द से जल्द खुलवा दी गई थी। इसके लिए हर सम्बंधित विभाग का सहयोग लिया गया। डीसी विक्रम ने बताया कि बांधों की मरम्मत का कार्य दिन-रात चला। 

इसके लिए व्यवस्था कर दी गई थी। प्रशासन और पुलिस द्वारा पूरी चौकसी बरतते किसी भी प्रकार की चिंता की जरूरत नहीं समझी। पूरा प्रशासन ग्रामीणों के साथ रहा। रिंग बांधो और मुख्य तटबंधों की मरम्मत पूरी होने तक प्रशासन द्वारा दिन रात कार्य किया गया। ग्रामीणों के सहयोग के लिए प्रशासन हर दम उपलब्ध रहा। किसी भी प्रकार की जलभराव सम्बंधी समस्या के समाधान के लिए आपदा प्रबंधन के लिए जिला सचिवालय में स्थापित किए गए कंट्रोल रूम में हेल्पलाइन नंबर 0129-2227937 पर सम्पर्क किया जा सकता है। उपायुक्त ने बताया कि प्रशासन इस घड़ी में ग्रामीणों के साथ है।

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