एडीसी अपराजिता ने कहा कि युवाओं को नशे से बचाने के लिए सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में प्रशासन और पुलिस ने संयुक्त रूप से गुप्त कार्यवाही की जा रही है। वहीं जिला में नशे की सप्लाई बेधड़क जारी ना हो, ऐसे हालात को देखते हुए सरकार द्वारा अब नशाखोरी खत्म करने के लिए गंभीरता से कार्यक्रम चला रही है।
समीक्षा बैठक में एसीपी मुनेष सहगल ने कहा कि नशे को हम समाज के किसी एक वर्ग से नहीं जोड़ सकते। समाज में सभी वर्गों में हमे नशा करने वाला व्यक्ति मिल जायेगा। आगे उन्होंने बताया की स्टेट एक्शन प्लान का मक़सद समाज को नशे पर एकत्रित करना है, इसको हमे आंदोलन की तरह लेना है।
सरकार हॉक सॉफ्टवेयर के माध्यम से डाटा एकत्रित कर नशा मुक्ति अभियान में तेजी ला रही है। इस कार्य के बेहतर क्रियान्वयन में आशा वर्कर अपने अपने क्षेत्र में नशा करने वालों का डाटा फॉर्म के माध्यम से क्षेत्र के पुलिस बीट इंचार्ज को देंगे, तत्पश्चात बीट इंचार्ज थाना प्रभारी से हॉक सॉफ्टवेयर पर यह डाटा आन लाइन प्लेट फार्म प्रणाली के जरिये अपलोड किया जा रहा है।
एडीसी अपराजिता ने कहा कि इस योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों, पंचायत विभाग के कनिष्ठ अभियंता, ग्राम सचिव, आशा वर्कर, एनजीओ, नम्बरदारो को कमेटियो में शामिल किया गया है। इसी प्रकार शहर क्षेत्रों में कौसंलर, कनिष्ठ अभियंता और एनजीओ, नम्बरदारो को कमेटियो में शामिल करके धाकड़ कमेटियां बनाई गई है।
वहीं क्लस्टर और उप मण्डल स्तर पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की कमेटियां नशा करने वालों और नशीले पदार्थों के बेचने वालों की समीक्षा प्रति माह करके जिला मुख्यालय तथा राज्य मुख्यालय रिपोर्ट प्रस्तुत कर रही हैं।
बता दें कि सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार धाकड़ प्रोग्राम के तहत सत्रह सौ लोगों की टीम बनाई गई है। ये टीमें जिला के ग्रामीण क्षेत्रों और शहर में वार्ड स्तर पर तथा स्कूल और कॉलेजों में निगरानी कर रहीं हैं।
समीक्षा बैठक में एसीपी मुनीश सहगल, ज्वाइंट सीईओ एफएमडीए गौरी मिढ्ढा, डिप्टी डीईओ सतीश चौधरी, तहसीलदार भूमिका लाम्बा, नायब तहसीलदार अजय कुमार, सुरेश कुमार सहित विभिन्न विभागों अधिकारी उपस्थित रहे।
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