हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा घोषित बाढ़ पीड़ितों को मुआवजे के निर्देश के तहत भारत सरकार के ऊर्जा एवं भारी उद्योग विभाग के केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर और विधायक राजेश नगर ने आज जिला फरीदाबाद के गांव बसंतपुर और साहुपुरा खादर में बाढ़ के कारण अपनी जान गवाने वाले व्यक्तियों के परिवारों को चार-चार लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की।
केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि प्रकृति के प्रकोप के कारण प्राकृतिक आपदा जो हिमाचल, पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा और देश के तमाम क्षेत्रों में जो बारिश के कारण आई है। उसमें फसे लोगों को बचाने का काम मोदी जी की सरकार ने किया है। इस आपदा के कारण फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र के बसंतपुर इलाके में भी यमुना के पानी के कारण यहां पर बहुत से लोगों को अपने मकान छोड़ने पड़े हैं।
अपने पशुओं को यहां से ले जाना पड़ा है। सरकार और प्रशासन ने पूरी तरह से इन सब लोगों की मदद की और बाढ़ आपदा में जो नुकसान हुआ है उसके लिए पहली बार इतिहास में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 12 जिलों को बाढ़ ग्रस्त घोषित किया है। जो आज से पहले कभी नहीं हुआ। बाढ़ के कारण जिन लोगों के मकानों का, पशुओं का नुकसान हुआ है और जिन इंसानों को अपनी जान गंवानी पड़ी है और जिन किसानों की की फसल बर्बाद हुई है उन सब के लिए हरियाणा सरकार की तरफ से मुआवजे की घोषणा की गई है।
उन्होंने कहा कि यह एक प्राकृतिक आपदा है और कुछ लोग हर चीज में राजनीति और वोट ढूंढते हैं। यह मौका राजनीति करने का नहीं लोगों के जख्मों पर मरहम लगाने का है और मोदी जी और मनोहर जी की सरकार ने मरहम लगाने का काम किया है और जो आज तरह तरह की बातें और तरह-तरह की मांग कर रहे हैं अगर उनसे पूछा जाए
जब 2013 में हरियाणा को इसी तरह की बाढ़ का सामना करना पड़ा था तो उस समय कांग्रेस सरकार द्वारा बाढ़ योजना का बजट मात्र 133 करोड़ रुपया रखा गया था, और अभी हमारा यही बजट 929 करोड़ का है। उन्होंने कहा कि 2013 में यमुनानगर से पलवल बाढ़ से हुए नुकसान की मरम्मत के लिए कांग्रेस सरकार द्वारा सिर्फ 15 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे और हमारा यही खर्च 102 करोड़ रुपया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के साथ सबसे बड़ा मजाक तो तब हुआ था, जब वर्ष 2013 में इन्होंने बाढ़ को बाढ़ ही नहीं माना, ताकि जनता का पैसा जनता को देने के लिए बाढ़ राहत घोषित न करना पड़ जाए। जब 2013 में बाढ़ आई थी तब उन्होंने लोगों के जख्मों पर कितना मरहम लगाया था यह पूछा जाए तो उनके पास कोई जवाब नहीं होगा। अगर उन्होंने उस समय लोगों के जख्मों पर मरहम लगाने का कुछ काम किया होता तो शायद वो कोई जवाब दे सकते। जब लोगों ने उन्हें देने लायक बनाया तो उन्होंने लोगों को कुछ दिया नहीं और आज इनके पास देने के लिए कुछ नहीं तो तरह-तरह की मांग कर रहे हैं।
मोदी जी और मनोहर जी की सरकार गांव गरीब का कल्याण करने वाली सरकार है और इस तरह की प्राकृतिक आपदा में मोदी और मनोहर की सरकार लोगों के साथ खड़ी नजर आती है। सूखा, ओलावृष्टि, बारिश, बाढ़, कोरोना महामारी, कोरोना महामारी के समय दुनिया के देशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने का मामला, खाड़ी के देशों में युद्ध के समय फंसे भारतीयों को सकुशल लेकर आना यह काम मोदीजी और मनोहर जी की सरकार पिछले 9 साल से कर रही है।
हमारी केंद्र और प्रदेश की सरकार, चुने हुए नेता गण,भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता सभी आम जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हैं। जितने भी नुकसान लोगों को जान-माल, मकानों, फसलों और उनके बोरवेल का हुआ है एक-एक की गिरदावरी करके सबको नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा यह घोषणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कर दी है।
इस अवसर पर विधायक राजेश नागर, एसडीएम त्रिलोक चंद, सरपंच कवर तारा चाँद भाटी, सरपंच सूरजपाल, गिर्राज त्यागी सहित कई विभागों के अधिकारीगण तथा ग्रामवासी मौजूद थे।
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