फरीदाबाद। आईएमएसएमई ऑफ इंडिया के चेयरमैन एवं प्रमुख उद्योग प्रबन्धक श्री राजीव चावला को मारीशस में होने वाली भारत अफ्रीका आंत्रप्योनरशिप एंड इन्वैस्टमेंट सम्मिट में विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। श्री चावला इस सम्मिट में विश्वभर से आए उद्यमियों एवं निवेशकों को सम्बोधित करेंगे।
20 व 21 जुलाई 2023 को आयोजित होने वाले इस सम्मिट का उद्देश्य भारत और अफ्रीका सहित विश्व भर के एसएमई सैक्टर को बी2बी के नए मंच प्रदान करना व सही मैचमेकिंग और हैंडहोल्डिंग द्वारा बिजिनेस डवलैपमेंट के लिए अवसर प्रदान करना है।समिट का उद्घाटन मॉरीशस गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम श्री पृथ्वीराजसिंह रूपुन जी.सी.एस.के. करेंगे।
समिट में सिडबी, इंडियन एंजेल नेटवर्क, ज्यूपिटर कॉरपोरेट सहित अन्य कई अग्रणी संस्थान भी शामिल हो रहे है। ये संस्थान एफएससी द्वारा जारी विशेष लाइसेंस सहित वैटोस, पीआईएस, पीसीसी, वीसीसी व विभिन्न क्षेत्रों में बिजिनेस की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मार्गदर्शन और दिशानिर्देश उपलब्ध कराएंगे।
ज्ञातव्य रहे वर्तमान परिवेश में अफ्रीका घनी आबादी, नई प्रौद्योगिकी, उपभोक्ताओं में वृद्धि और व्यवसायिक विस्तार सहित मुक्त व्यापार क्षेत्र [एएफसीएफटीए] के साथ ही बढ़ती वैश्विक अर्थव्यवस्था के रूप में काफी महत्वपूर्ण और भारतीय व्यवसायियों के लिए एक आकर्षक निवेश का केन्द्र माना जा रहा है। इस संबंध में मॉरीशस को भारत-अफ्रीका व्यापार और निवेश का प्रवेश द्वार व आयोजित होने वाले समिट को द्वार की कुंजी कहा जाता है।
चावला जी को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे समिट में आमत्रित किए जाने को देश के एमएसएमई सैक्टर के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उल्लेखनीय है श्री चावला देश में एमएसएमई सैक्टर के विकास एवं उनके समक्ष आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए ही नही बल्कि इस सैक्टर के उत्थान हेतु तत्पर रहे हैं। यही नहीं आईएमएसएमई आफ इंडिया के मंच से श्री चावला को उन नीतियों को लाने का श्रेय दिया जाता रहा है जिनसे एसएमई सैक्टर को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से काफी लाभ मिला है।
चावला की समिट में भागीदारी उपरान्त निवेश व कोलोबरेशन संबंधी नई सम्भावनाओं का विश्वास भी व्यक्त किया जा रहा है। यहां यह तथ्य विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भी आईएमएसएमई आफ इंडिया द्वारा अपने सदस्यों को निवेश व उद्यम स्थापित करने के अवसर प्रदान किए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप कई सदस्यों ने अफ्रीका में अपनी कंपनियां भी स्थापित की।
विश्वास व्यक्त किया जा रहा है कि इस तीसरे समिट से औद्योगिक विकास एवं विस्तार सहित नए निवेश का मार्ग तो प्रशस्त हो ही साथ ही एमएसएमई सैक्टर के समक्ष नए अवसर सामने आएंगे, जिन्हें वर्तमान अन्तर्राष्ट्रीय परिस्थितियों के मद्देनजर काफी आवश्यक माना जाता रहा है।
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