राजश्री सिंह ने कहा कि एक वकील के पास जो भी आता है, वह कहीं न कहीं से पीडि़त होता है, पीड़ा में होता है। ऐसे में वकील को चाहिए कि वह उस व्यक्ति को तुरंत राहत देने का प्रयास करे। वकीलों को चाहिए कि वह अपराध करके आए व्यक्ति की भी पहचान करे कि क्या उससे अपराध गलती में, बचाव में अथवा उन्माद में हो गया है अथवा वह स्वभाववश अपराधी है।
इस प्रकार आप सही व्यक्ति को न्याय दिला सकेंगे। राजश्री ने अपने जीवन की कहानी भी युवा वकीलों को सुनाई जिससे सभी बड़े प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि जीवन में पढऩे का महत्व है लेकिन गढऩे का उससे भी ज्यादा है। इस अवसर पर डीएसपी सीएम फ्लाइंग राजेश चेची ने कहा कि वकीलों को प्रोफेशनल अपराधियों से बचना चाहिए। वहीं जीवा समूह के संस्थापक ऋषिपाल चौहान ने कहा कि हमारा कोई भी कर्म देश के आचार विचार व्यवहार में नकारात्मक प्रभाव डालने वाला न हो।
इससे पहले यहां पहुंचने पर आईजी राजश्री सिंह का लॉयर्स सोशल जस्टिस फोरम के चेयरमैन राजेश खटाना एडवेकेट, फरीदाबाद बार एसोसिएशन के प्रेसीडेंट राजेश बैंसला, आईएमटी के निदेशक डॉ रवि हांडा, वरिष्ठ वकील अश्वनी त्रिखा, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विकास वर्मा, प्रसिद्ध समाजसेवी अशोक जॉर्ज व अन्य द्वारा शॉल एवं बुके से स्वागत किया गया। मंच का संचालन शिक्षाविद प्रेरक प्रो डॉ एमपी सिंह ने किया।
कार्यक्रम में फरीदाबाद बार एसोसिएशन के सचिव ओमदत्त शर्मा, एडवोकेट विजय शर्मा, टैक्स बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष संदीप सेठी, प्रोफेसर डॉ आर एन सिंह, सतेंद्र दुग्गल, एडीए राजकुमार नागर, समाजसेवी डॉ हेमंत अत्री, सेंसर बोर्ड के सदस्य आदित्य राजपूत ,प्रीति चंचल,संदीप खटाना,जितेंद्र खटाना सबनम ,करिश्मा ,नीतीश नागर ,चन्द्र गंभीर,राजू बेदी आदि अनेक प्रमुख व्यक्ति मौजूद रहे। एडवोकेट राजेश खटाना और एडवोकेट संदीप सेठी आए हुए सभी मेहमानों का आभार व्यक्त किया ।भविष्य में भीअधिवक्ताओं के कल्याण के लिए कार्यक्रमों का आयोजन हमारी संस्था करती रहेगी करते रहेंगे
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