केंद्र सरकार ने नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 16 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान देश के अल्पसंख्यक समुदायों के किसी भी व्यक्ति इनमें हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई को भारतीय नागरिकता देने का अधिकार जिलाधीश को भारतीय नागरिकता अधिकार देने का अधिकार प्रदान किया गया है।
नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 5 के अधीन भारत के नागरिक के रूप में रजिस्ट्री कृत करने अथवा धारा 6 के अधीन उसे देशीकरण संबंधी प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए उसके द्वारा प्रयोग की जाने वाली शक्तियों के तहत यह नागरिकता जिलाधीश विक्रम सिंह ने प्रदान की है।
देश के गुजरात राज्य के मोरबी, राजकोट, पाटन एवं बड़ोदरा और छत्तीसगढ़ राज्य के दुर्ग तथा बलोदा बाजार, राजस्थान प्रांत के जालौर, उदयपुर, पाली, बाड़मेर और सिरोही, हरियाणा प्रांत के फरीदाबाद तथा पंजाब प्रांत के जालंधर के जिलाधीश को भारत सरकार ने नागरिकता प्रदान करने का अधिकार दिया है।
नागरिकता लेने वालों में अफगानिस्तान से जुली बाई, जेनी बाई, अनमोल रतड़ा और प्रियंका शामिल हैं। पाकिस्तान से पठानी, जमना देवी और कनिआ बागरी शामिल है।
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