विद्रोही ने कहा कि राव इन्द्रजीत सिंह ने सत्तालोलूप व अवसरवादिता के कारण खुद अपनी ऐसी हालत बनाई है। आज राव इन्द्रजीत सिंह को भाजपा एक सजावटी कठपुतली बनाकर मनमाने ढंग से नचा रही है और राव साहब अपने राजनीतिक हितों की रक्षा के लिए सबकुछ जानते हुए भी कठपुतली की तरह संघी इशारों पर नचाने को मजबूर है।
राव साहब की हालत हरियाणा के उन अवसरवादी, सत्तालोलूप, सिद्धांतहीन नेताओं के लिए सबक है जो किसी भी तरह सत्ता से चिपके रखने में विश्वास करते है। अवसरवादिता, सत्तालोलूप नेताओं का देर-सवेर ऐसी ही हश्र होता है।
विद्रोही ने कहा कि कभी अहीरवाल की आन, बान, शान, सम्मान, स्वाभिमान के नाम पर राजनीति की रोटिया सेंकने वाले राव इन्द्रजीत सिंह ने अपनी ऐसी हालत बना ली है जो सभी के लिए सबक है। राजनीति में हार-जीत चलती रहती है, पर सदैव सत्ता न तो किसी के पास रही है और न रहेगी।
सम्मान व स्वाभिमान से वही राजनीति कर सकता है जो विपरित परिस्थितियों में भी सत्ता के लिए अवसरवादी राजनीति करने की बजाय सिद्धांत व नीति पर अडिग रहे। विद्रोही ने कहा कि राव साहब जितना भी प्रयास कर ले, भाजपा में रहकर वे अपनी बेटी को अहीरवाल की नेता स्थापित नही कर सकते।
हो सकता है कि हरियाणा में अपना बिस्तर गोल होते देख अब भाजपा राव की बेटी को 2024 विधानसभा चुनाव में टिकट दे दे, लेकिन भाजपा में रहकर आरती राव भविष्य में अधिक से अधिक विधायक व सांसद तो बन सकती है, लेकिन नेता नही बन सकती।
Post A Comment:
0 comments: