उन्होंने अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि सभी अपने अपने विभागों की सीएसआर प्लान बनाकर सरकार को इसकी पूरी जानकारी आन लाइन प्लेट फार्म प्रणाली पर प्रणाली पर सरकार को दें। उन्होंने कहा कि सीएसआर के तहत बड़ी इमारतों, संस्थानों और प्रतिष्ठानों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का क्रियान्वयन सुनिश्चित करें।
श्रीमती केशनी आनन्द अरोड़ा आज बुधवार को विडियो कान्फ्रेंस के जरिये जिला फरीदाबाद के अधिकारियों को सम्बोधित कर रही थी।
उन्होंने कहा कि आजादी अमृत महोत्सव की श्रृंखला में बरसाती पानी के संरक्षण के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग बेहतर सिस्टम है। इससे भूजल भी स्तर ठीक रहेगा और जल शक्ति अभियान के तहत बरसाती पानी को सहेजने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अच्छा माध्यम है।
सीएसआर कार्यक्रम के तहत सरकार द्वारा सभी सरकारी संस्थाओं, स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, कार्यालयों व सार्वजनिक स्थानों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जा रहे हैं। जिससे बरसात के दौरान छतों का पानी पाइप के जरिए इस केंद्र तक पहुंचाकर बोरवेल में डाला जा सकेगा, जिससे भूजल स्तर में सुधार होगा।
उन्होंने कहा कि बरसाती पानी के संचय के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम होने से परिसर में कहीं पर भी जलभराव की समस्या भी नहीं रहेगी और भू जल संरक्षण जरूरी भी है । साथ ही पानी का सदुपयोग भी हो सकेगा। वहीं वर्तमान समय में गिरते जलस्तर को रोकने के लिए जल संरक्षण की सख्त आवश्यकता है।
इसके लिए सरकारी कार्यालयों के अलावा मकानों की छतों के बरसात के पानी को हम जमीन के नीचे तक पहुंचाकर जलस्तर को ऊपर ला सकते हैं, जिसके चलते रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का होना बेहद जरूरी है।
उन्होंने कहा कि सीएसआर प्रणाली के तहत हम न केवल सरकारी संस्थान बल्कि अपने घरों में एकत्र होने वाले बरसात के पानी को व्यर्थ न बहाकर पाइप व नालियों द्वारा पुराने कुओं तथा बेकार हो चुके ट्यूबवेलों में डाल दें तो इससे जलस्तर बढ़ने की संभावना होती है।
इसके लिए बहुत कम खर्च में साधारण तरीका अपनाया जा सकता है। इसमें भवन के साथ छत के पाइप से आने वाले पानी को नालियों में डाला जाता है। वह नाली निर्धारित नलकूप या गड्ढे तक वर्षा जल पहुंचता है। इस गड्ढे में नीचे बजरी व उसके ऊपर पड़े पत्थरों से पानी में गंदगी नहीं रहती। इससे बरसात का पानी साफ हो जाता है।
उन्होंने कहा कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के जरिए नकारा नलकूपों को भी रिचार्ज किया जा सकता है। इससे जहां भूजल रिचार्ज होगा, वहीं वर्षा का जल संरक्षित भी कर सकते हैं। इसमें पैसे का भी ज्यादा खर्चा नहीं आएगा। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से बरसात का पानी जमीन के अंदर चला जाएगा। इस व्यवस्था से भूजल स्तर में भी काफी सुधार होगा।
चेयरपर्सन हरियाणा जलशक्ति अभियान श्रीमती केशनी आनन्द अरोड़ा ने एक-एक करके जिला वार समीक्षा कर रही थी। वहीं जिला प्रशासन, एफएमडीए, एमसीएफ, शिक्षा, वन, सिंचाई, कृषि एवं किसान कल्याण, उद्यान, पंचायती राज सहित जलशक्ति अभियान से जुड़े विभिन्न विभागों की विभाग द्वारा जलसंरक्षण बारे किए जा रहे कार्यों की जानकारी भी बारीकी से ले रही थी।
फरीदाबाद जिला की अतिरिक्त उपायुक्त अपराजिता के मार्ग दर्शन में सीईओ जिला परिषद एवं जल शक्ति के नोडल अधिकारी सुमन भांकर ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में जिला फरीदाबाद में जल शक्ति अभियान में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के क्रियान्वयन बारे विस्तार पूर्वक जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि बरसाती पानी सहेजने के लिए लोगों को पंचायती राज जनप्रतिनिधियों के सहयोग से जागरूक किया जा रहा है , ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए जल का संचयन हो। जिलाभर में आजादी अमृत महोत्सव के चलते अमृत सरोवरों का कार्य प्रगति पर है। वहीं जिला में जल संचयन को लेकर चलाए जा रहे जल शक्ति अभियान के सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं। जन भागीदारी के साथ जिला में बारिश की एक-एक बूंद के संचय का पूरा प्रयास किया जा रहा है।
जिला प्रशासन जल संरक्षण के लिए पूरी तरह सजग है। उन्होंने बताया कि आमजन को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। ताकि अधिक से अधिक जल बचाया जा सके।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एक साथ कैच द रेन-जहां भी, जब भी संभव हो वर्षा के जल को संग्रह करने के लिए आमजन को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बैठक में बीडीपीओ अजीत सिंह, एसीईओ जिला परिषद शकील अहमद सहित अन्य अधिकारी गण को भी कैच दा रैन वाटर के बेहतर क्रियान्वयन के लिए दिशा निर्देश दिए।
जिला फरीदाबाद में कबूलपुर ड्रेन, छायसा ड्रेन, सेहतपुर डिस्ट्रीब्युट्री साफ सफाई व अन्य कार्यों को पूरे करवाने सहित सेंट्रल वाटर मैनेजमेंट नीति आयोग को ऑनलाइन प्लेटफार्म प्रणाली पर अपलोड करवाने बारे भी दिशा निर्देश दिए गए।
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