इसके लिए किसानों को कृषि विभाग के पोर्टल agriharyana.gov.in/applyschemes पर पंजीकरण करवाना होगा। सरकार ने आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में किसान हित में आवेदन करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 मई कर दी है।
डीसी विक्रम ने आगे बताया कि हरी खाद सबसे अच्छा, सरल, कम लागत वाला खाद है जिसके माध्यम से भूमि को उपजाऊ बनाया जा सकता है। किसान को अनुदानित बीज खरीदते समय अपना आधार कार्ड, वोटर कार्ड, किसान कार्ड दिखाना होगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि एक किसान कम से कम एक एकड़ व अधिकतम 10 एकड़ के लिए पंजीकरण करवा सकता है। उन्होंने बताया कि इस बारे में अधिक जानकारी के लिए किसान अपने नजदीकी कृषि विकास अधिकारी या नजदीकी कृषि कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉक्टर पवन शर्मा ने बताया कि ढैंचा फसल को हरी खाद के रूप में प्रयोग करने से मृदा के स्वास्थ्य में जैविक, रासायनिक तथा भौतिक सुधार होते है व जलधारण क्षमता बढ़ती है। ढैंचा की पलटाई कर खेत में सड़ाने से नाइट्रोजन, पोटाश, गंधक, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जस्ता, तांबा, लोहा आदि तमाम प्रकार के पोषक तत्व प्राप्त होते हैं।
मृदा की कम होती उर्वरा शक्ति बढ़ेगी तथा आने वाली फसलों का उत्पादन भी बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि फरीदाबाद जिला के लिए सरकार द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में 540 क्विंटल ढैंचा बीज किसानों के लिए मुहैया करवाया गया। फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने हेतु किसानों को गांव स्तर पर कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा ढैंचे की बिजाई करने के लिए पूर्ण जानकारी दी जा रही है।
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