डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में बागवानी को बढ़ावा देने की दिशा में प्रदेश सरकार सार्थक कदम बढ़ा रही है। पोर्टल के माध्यम से मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत किसानों की फसलों में प्रतिकूल मौसम व प्राकृतिक आपदाओं के कारण से होने वाले नुकसान की भरपाई की जा रही है।
मेरी फसल मेरा ब्यौरा के तहत कराए पंजीकृत
डीसी विक्रम सिंह ने बताया कि यह योजना उन सभी किसानों के लिए वैकल्पिक तौर पर होगी जो मेरी फसल मेरा ब्यौरा के तहत पंजीकृत होंगे। योजना के तहत आश्वस्त राशि सब्जियों, मसालों के लिए 30 हजार रुपये प्रति एकड़ व फलों के लिए 40 हजार रुपये प्रति एकड़ होगी। किसान का योगदान आश्वस्त राशि का केवल 2.5 प्रतिशत होगा जो कि सब्जियों में राशि 750 रुपये व फलों में राशि एक हजार रुपये प्रति एकड़ होगी।
जिला बागवानी अधिकारी डॉक्टर रमेश कुमार ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि बागवानी फसलों को प्रोत्साहन देने के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना में अब 46 फसलों और दो मसालों को शामिल कर लिया गया है।
बागवानी फसलों को मौसम व प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने इन फसलों को इस योजना में शामिल करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा किसानों की फसलों में प्रतिकूल मौसम व प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के नाम से एक नई बागवानी फसल बीमा योजना के पोर्टल की शुरूआत की गई है।
इन 46 फसलों को किया गया शामिल
प्रतिकूल मौसम तथा प्राकृतिक आपदाओं जैसे ओलावृष्टि, तापमान, पाला, जल कारक, बाढ, बादल फटना, नहर / ड्रेन का टूटना, जलभराव, आंधी तूफान व आग जो फसल नुकसान का कारण बनते है, को योजना में शामिल किया जा रहा है
इस योजना के तहत 46 फसलें और दो मसालों की फसलों को शामिल किया गया है।
जिसमें 23 सब्जियों में:- अरबी, भिंडी, करेला, लौकी, बैंगन, पत्ता गोभी, शिमला मिर्च, गाजर, गोभी, मिर्च, खीरा, ककड़ी, खरबूज़, प्याज, मटर, आलू, कद्दू, मूली, तोरई, टिंडा, जुकिनी, टमाटर, तरबूज को शामिल किया गया है।
वहीं 21 फलों में आंवला, बेर, चीकू, खजूर, ड्रैगन फल, अंजीर, अंगूर, अमरूद, जामुन, किन्नू, लेमन, नींबू,लीची, माल्टा, संतरा, आम, आडू, नाशपाती आलु बुख़ारा,अनार, स्ट्रॉबेरी शामिल हैं। इनके साथ दो मसाले हल्दी, लहसुन भी शामिल हैं।
डॉक्टर रमेश कुमार ने बताया कि उद्यान विभाग द्वारा किसानों को इन योजनाओं बारे कैम्पों के जरिये बागवानी करने के लिए प्रेरित और जागरूक किया जा रहा है।
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