पलवल, 11 मई। डीसी नेहा सिंह ने बताया कि सरकार द्वारा किसानो के हित के लिए चलाई जा रही योजना हर खेत स्वस्थ खेत के तहत कृषि विभाग के द्वारा जिला पलवल में फसल कटाई उपरांत तीसरे चरण में मृदा नमूने लेने का कार्य प्रारंभ हो गया है। पहले दो चरणो में विभाग द्वारा किसान सहायको के सहयोग से 57 हजार 592 मृदा नमूने एकत्रित कर मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में जमा किए जा चुके हैं, जिनके मृदा स्वास्थ्य कार्ड जल्द ही किसानो में वितरीत कर दिए जाएंगे।
कृषि उपनिदेशक डा. पवन कुमार शर्मा ने बताया कि रबी की फसल कटाई उपरंत तीसरे चरण में खंड होडल के भुलवाना गांव में उपमंडल कृषि अधिकारी डा. मनजीत सिंह के साथ खंड तकनीकी प्रबंधक सुन्दर एवं रामदेव ने फिल्ड में जाकर किसान सहायकों द्वारा लिए जा रहे मृदा नमूने लेने की जांच की, जिसमें उपमंडल कृषि अधिकारी ने बताया कि हर खेत स्वस्थ खेत योजना के तहत किसान सहायको ने अब तक जिले के सभी खंडो में 2495 किसानों के खेतों की मिट्टी के सैंपल मृदा नमूने प्रयोगशाला में जमा किए जा चुके हैं।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानो के खेत की मिट्टïी की जांच करने के बाद मिट्टïी की उर्वरा समक्षता का पता लगाना है। जिले के अधिकतर क्षेत्र में कार्बनिक तत्वो का अनुपात सामान्य स्वस्थ खेत की मिट्टïी से निम्न स्तर पर पहुंच गया है, क्योंकि आज के परिवेश मेंं किसान ने खेतो में हरी खाद व गोबर की खाद डालना बंद करके रसायनिक उर्वरको के प्रयोग पर जोर दे रखा है, जिससे मिट्टïी की संरचना में काफी बदलाव आए हैं।
किसान जिस मिट्टी में खेती कर रहा है उसमें कितने उर्वरक की कमी है, साथ ही किसानों को खेती से जुड़ी तकनीकी शिक्षा के बारे में भी बताया गया है। उन्होंने कहा कि किसान को पता होना चाहिए कि उसकी खेत की मिट्टी में किस तरह से खेती की जा सकती है और उसमें किन उर्वरक की कमी है।
जब किसान को अपने खेत की मिट्टी के बारे में पूर्ण जानकारी होगी तो किसान उसमें अच्छे ढंग से खेती कर सकेगा और खेत में पैदावार भी अच्छी होगी। इससे किसान की आय में भी बढ़ोतरी होगी।
सहायक तकनीकी प्रबंधक अतुल शर्मा ने बताया कि विभाग ने किसान सहायको को खेत से मृदा नमूने लेने का प्रशीक्षण दिया है, जिसमें उन्हे स्पष्ट रूप से बताया गया है कि पेड की छाया एवं किसानो के खेतो में पडे देसी खाद या कूडे के नजदीक की मिट्टïी मृदा नमूने के लिए नहीं लेनी है। मृदा नमूने लेने के लिए खेत के चारो कोनो से एक मीटर अन्दर एवं खेत के मध्य से मिट्टïी वी की आकृति में लगभग आधा किलो मिट्टïी लेकर और इस मिट्टïी को अच्छी प्रकार से मिलाकर लेनी होती है।
उपनिदेशक डा. पवन शर्मा ने कहा की जिले में विभाग द्वारा हर गांव के लिए किसान सहायको की नियुक्ति की जा चुकी है तथा खरीफ की फसल बुवाई से पूर्व ही खंड पृथला हथीन, होडल व हसनपुर के सभी गांवों के मिट्टïी के सैंपल एकत्रित कर कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। सोयल हैल्थ कार्ड बनने के बाद किसानों को आवश्यकता अनुसार रसायनिक उर्वरक प्रयोग करने में सुविधा रहेगी, जिससे उनके अनावश्यक खर्चा में कमी आएगी।
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