चंडीगढ़, 17 मई- हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ओर से मंगलवार को घोषित किया गया 10वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम इस बार बेहद खराब रहा। प्रदेश में गिरते शिक्षा स्तर को लेकर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता अनुराग ढांडा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री खट्टर पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस बार हरियाणा बोर्ड का कुल परीक्षा परिणाम 65 प्रतिशत रहा है। परीक्षा परिणाम में पिछले साल की तुलना में लगभग 8 प्रतिशत की गिरावट आई है। इस साल प्रदेश में 60000 हजार से ज्यादा बच्चे फेल हुए हैं। यह परीक्षा परिणाम शिक्षा के प्रति खट्टर सरकार की गंभीरता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार ने प्रदेश में शिक्षा का बेड़ा गर्क कर दिया है। प्रदेश के स्कूलों का शिक्षा स्तर लगातार गिरता जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के सर्वे के अनुसार, हरियाणा के 75% स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा नहीं है। 40% स्कूलों में टॉयलेट नहीं है। 5086 स्कूलों में लाइब्रेरी नहीं है। 5176 स्कूलों में बिजली नहीं है। खट्टर सरकार बच्चों को अनपढ़ रखना चाहती है, ताकि वे पढ़ लिखकर रोजगार न मांग सके। खट्टर सरकार सोची समझी साजिश के तहत प्रदेश के सरकारी स्कूलों को बंद करना चाहती है, लेकिन आम आदमी पार्टी खट्टर सरकार की इस मंशा को कभी कामयाब नहीं होने देगी। यदि सरकारी स्कूल बंद हो गए तो गरीब मजदूरों के बच्चे कहां पढ़ेंगे। क्योंकि प्राइवेट स्कूलों की फीस हजारों में होती है और हर वर्ष निजी स्कूल फीस में इजाफा करने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि सीएम खट्टर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था तो सुधार नहीं सकते और प्रदेश में जनसंवाद का ड्रामा करते फिर रहे हैं।
वरिष्ठ नेता अनुराग ढांडा ने कहा कि सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम बेहद ही निराशाजनक रहा है। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों के मुकाबले प्रदेश के सरकार स्कूलों के बच्चे 18 फीसदी कम पास हुए हैं। उन्होंने कहा कि 12वीं कक्षा की तरह ही 10वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम में भी निजी स्कूल सरकारी स्कूलों से आगे रहे हैं। सरकारी स्कलों का नतीजा 57.73 प्रतिशत रहा जबकि निजी स्कूलों का परीक्षा परिणाम 75.65 प्रतिशत रहा।
उन्होंने कहा कि इस बार जहां हरियाणा बोर्ड का परीक्षा परिणाम 65 प्रतिशत रहा है। वहीं, आम आदमी पार्टी की सरकार में दिल्ली बोर्ड के परीक्षा परीणाम में दिल्ली के 10वीं कक्षा के 99.49% और 12वीं के भी 99.25 प्रतिशत बच्चे पास हुए। इससे दिल्ली के विश्वस्तरीय शिक्षा मॉडल का पता चलता है। उन्होंने कहा कि ऐसे ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब प्रदेश में सरकारी स्कूलों में कोई अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ाएगा।
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