जिसके लिए इच्छुक किसान आज सोमवार 24 अप्रैल तक कृषि विभाग के पोर्टल एग्रीहरियाणा.जीओवी.आईएन/अप्लाई स्कीम्स पर पंजीकरण करवा सकते हैं।
डीसी ने बताया कि हरी खाद सबसे अच्छा, सरल व कम लागत वाला खाद है जिसके माध्यम से भूमि को उपजाऊ बनाया जा सकता है। ढैंचा इसका सबसे अच्छा विकल्प है।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉक्टर वीरेंद्र आर्य ने बताया कि सरकार की योजना के अनुसार किसान ढैंचा बीज प्राप्त करने के लिए 24 अप्रैल तक पंजीकरण करवा सकते हैं। किसान को अनुदानित बीज खरीदते समय अपना आधार कार्ड, वोटर कार्ड, किसान कार्ड आदि दिखाना होगा।
एक किसान कम से कम एक एकड़ व अधिकतम 10 एकड़ के लिए पंजीकरण करवा सकता है। इसको लेकर अन्य जानकारी के लिए किसान अपने नजदीकी कृषि विकास अधिकारी या नजदीकी कृषि कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि ढैंचा फसल को हरी खाद के रूप में प्रयोग करने से मृदा के स्वास्थ्य में जैविक, रासायनिक तथा भौतिक सुधार होते है व जल धारण क्षमता बढ़ती है। ढैंचा की पलटाई कर खेत में सड़ाने से नाइट्रोजन, पोटाश, गंधक, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जस्ता, तांबा, लोहा आदि तमाम प्रकार के पोषक तत्व प्राप्त होते हैं।
इससे मृदा की कम होती उर्वरा शक्ति बढ़ेगी तथा आने वाली फसलों का उत्पादन भी बढ़ेगा। फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए किसानों को गांव स्तर पर कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा ढैंचे की बिजाई की पूर्ण जानकारी दी जाएगी।
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