किसान की सरसों 20 फरवरी से मंडियों में आ रही है। सरकार को अपने वायदे के अनुसार तुरंत प्रभाव से 5450 रुपए में किसानों की सरसों की खरीद करनी चाहिए। बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकारी एजेंसी के अधिकारी पैसे खाने के चक्कर में किसानों को परेशान करने में लगे हुए हैं।
सरकार बड़े-बड़े वायदे कर रही है कि हम किसानों की सरसों व सभी अनाज का एक-एक दाना एमएसपी पर खरीदेंगे जबकि इस सरकार में पहले भी किसानों की सरसों व धान के रेट कम देकर करोड़ों रुपए का घोटाला करने का काम इस सरकार ने किया है।
सरकार बार-बार किसानों के साथ धोखा करके किसानों को बर्बाद करने में तुली हुई है। किसान देश का अन्नदाता है। किसान व व्यापारियों का चोली दामन का साथ है अगर किसान बर्बाद होगा तो देश में अन्न कहां से आएगा। श्री गर्ग ने कहा कि 1 अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू होने वाली है मगर अभी तक अनाज मंडियां में गेहूं खरीद के लिए सरकार की तरफ से कोई व्यवस्था की तैयारियां शुरू नहीं की गई है।
मंडियों की सड़कें टूटी पड़ी है, पीने की पानी की व्यवस्था नहीं है। यहां तक कि किसानों के लिए किसान रेस्ट हाउस में किसी प्रकार की मूलभूत सुविधा तक नहीं है। बजरंग गर्ग ने कहा कि सरसों, कपास, गेहूं खरीद के साथ-साथ किसान की हर फसल खरीद के लिए मंडियों में सरकार को पुख्ता से पुख्ता प्रबंध करने चाहिए और किसान को अनाज खरीद का भुगतान व उठान 72 घंटे के अंदर-अंदर करना चाहिए।
बजरंग गर्ग ने कहा कि अगर सरकार ने किसान की सरसों एमएसपी पर तुरंत खरीद नहीं की तो किसान व आढ़ती एकजुट होकर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेगा। यह सरकार पूरी तरह से किसान, आढ़ती व मजदूर विरोधी सरकार है। बजरंग गर्ग ने सरकार से अपील की है कि सरसों, कपास व हर अनाज की खरीद पर पहले की तरह आढ़तियों को 2.5 प्रतिशत पुरी दामी मिलनी चाहिए।
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