कृषि उप निदेशक डा. पवन शर्मा के आदेशानुसार मोटे अनाज के उत्पादन के लिए जिला के किसानों को जागरूक किया जा रहा है, क्योंकि समाज में फैल रही बीमारियों का मुख्य कारण गेंहू एवं धान का नियमित सेवन है। उन्होंने बताया कि यदि गेंहू तथा धान जैसी फसलों के स्थान पर जौ, चना, बैझर के भोजन से हमारे परिवारों में बढ रही बीमारियों को कम किया जा सकता है।
हरित क्रांति ने मोटे अनाज के उत्पादन को कम कर दिया है, जिसका प्रभाव यह हुआ है कि लोग बी.पी., शुगर, कैंसर जैसी बीमारियों से घिरे हैं। आज के समय में चिकित्सक भी खाने के पौष्टिक आहार में मोटे अनाज के सेवन की सिफारिश कर रहे हैं।
प्रतिदिन की तरह आज भी मोबाइल वैन के माध्यम से जिला पलवल के गांव रामगढ, सैंडोली, भैंडोली, डराना, रनियाला खुर्द, भूडपुर, महेशपुर, रायपुर, रतीपुर, बांसवा, अहरवंा, खिरबी, होडल, बढा गांवो में मोबाईल वैन द्वारा किसानों को मोटा अनाज उत्पदान के लिए जागरूक किया गया।
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