ये निर्देश अतिरिक्त उपायुक्त अपराजिता ने लघु सचिवालय स्थित बैठक कक्ष में आयोजित चिन्हित अपराध योजना की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। बैठक में केसों से संबंधित बचाव साक्ष्य और तकनीकी कानूनी पहलुओं बारे विचार विमर्श किया गया।
अतिरिक्त उपायुक्त अपराजिता ने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि चिह्नित अपराध में कोर्ट में जाने से पहले अच्छी तरह जांच कर सनसनीखेज मामलों की रिपोर्ट बनाएं और की गई कार्यवाही बारे उन्हें अवगत करवाया जाए।
उन्होंने कहा कि पोक्सो एक्ट, 302, 307, 395, 376, 354, 304 बी, एनडीपीएस कमर्शियल, एमटीपी, पीसी एक्ट करप्शन मामले ये सभी चिह्नित अपराध के तहत आते हैं। ऐसे मामलों में गहनता से जांच कर केस अदालत में पेश किया जाये।
उन्होंने कहा कि कोई भी अपराधी कोर्ट में केस की मजबूती न होने के कारण बचकर नहीं निकलना चाहिए। कोर्ट में पेशी से पूर्व साक्ष्यों और तथ्यों की मजबूती सुनिश्चित की जाए।
अतिरिक्त उपायुक्त ने पुलिस को निर्देश दिये कि कोई मामला अगर आता है तो उस पर निष्पक्ष रूप से जांच की जाए, जांच के हर पहलू को बारिकी से परखा जाए।
उन्होंने सनसनीखेज अपराधों पर भी समीक्षा की और पुलिस विभाग के अधिकारी से कहा कि ऐसे केसों को भी चिन्हित अपराध के तहत लिए जाए और मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और केस दर्ज करना सुनिश्चित किया जाए।
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