प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विजय चौधरी, तहसीलदार संजीव नागर, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी उपमा अरोड़ा, खनन अधिकारी कमलेश कुमारी, परिवेश एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग सर्विसेज के पर्यावरण सलाहकार मुजम्मिल खान सहित गांव सुल्तानपुर व अतवा के भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।
उपायुक्त नेहा सिंह ने जन सुनवाई में कहा कि इससे गैर कानूनी रूप से होने वाला खनन बंद होगा और कानूनन खनन होगा। उपायुक्त ने कहा कि खनन के दौरान रास्ते की मरम्मत पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके लिए तैयार किए गए रूट मैप का विवरण उपायुक्त कार्यालय में प्रस्तुत किया जाए।
खनन के कारण ग्रामीणों का मार्ग अवरूद्ध न हो। उन्होंने कंपनी के प्रतिनिधियों से कहा कि प्रदूषण नियंत्रण, पर्यावरण के संरक्षण को ध्यान में रखकर कार्य किया जाए। वाहन ओवरलोडिंग नहीं होने चाहिए और खनन ढोने वाले सभी वाहन पीयूसी सर्टिफाइड होने चाहिए।
परिवेश एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग सर्विसेज के पर्यावरण सलाहकार मुजम्मिल खान ने प्रोजेक्ट की रूपरेखा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मैसर्स एम.एम. ट्रैडर्स ने गांव सुल्तानपुर व अतवा में स्थित 33.42 हैक्टेयर क्षेत्र में अधिकतम 10 लाख 80 हजार एमटी प्रति वर्ष उत्पादन के साथ यमुना नदी के किनारे से रेत (लघु खनिज) खनन का प्रस्ताव दिया है। खदान का अनुमोदन गत 17 अगस्त 2022 को सुल्तानपुर व अतवा गांव में 8 वर्ष की अवधि के लिए दिया गया है।
इस परियोजना के तहत 20 हैक्टेयर भूमि से खनन किया जाएगा और शेष भूमि में खनन का स्टॉक व वाहनों की पार्किंग की जाएगी। इसके अलावा सार्वजनिक स्थान पर खनन ढोने वाले वाहनों को पार्क नहीं किया जाएगा। उन्होंने अवगत करवाया कि धूल को नियंत्रण करने के लिए समय-समय पर सडक़ पर पानी का छिडक़ाव किया जाएगा और प्रदूषण नियंत्रण हेतु पौधारोपण किया जाएगा।
खनन को ढोने वाले वाहन किसी भी गांव में प्रवेश नहीं करेंगे। इसके अलावा रात्रि के समय में खनन के वाहनों का आवागमन बंद रहेगा। उन्होंने अवगत करवाया कि खनन के कार्य में स्थानीय गांव के 87 लोगों को रोजगार दिया जाएगा, जिसमें 67 लोग प्रत्यक्ष रूप से तथा 20 लोग अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार पर रहेंगे।
सीएसआर के माध्यम से गांव के विकास में कार्य किया जाएगा। इस मौके पर परियोजना में शामिल वाइल्ड लाइफ के संबंध में विवरण प्रस्तुत किया गया।
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