ताकि गरीब व बेसहारा परिवारों में बेटी की शादी पर होने वाले आर्थिक बोझ को कम किया जा सके। मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना का लाभ लेने के लिए विवाह पंजीकरण करवाना जरूरी है।बता दें कि विवाहित जोड़े की शादी का ई-दिशा पोर्टल पर पंजीकरण होता है।
डीसी ने बताया कि जिला में मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत जो पात्र लाभार्थी परिवार मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना का लाभ लेना चाहते हैं, वे अपनी बेटी की शादी के छ: महीने पूरे होने से पहले शादीडॉटईदिशाडाटजीओवीडॉटईन पर ऑनलाइन पंजीकरण अवश्य करवाएं।
सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार आजादी के अमृत महोत्सव की श्रंखला में पंजीकरण होने के पश्चात ही विवाहित कन्या के माता-पिता को मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत अनुदान धनराशि का लाभ दिया जाएगा।
डीसी विक्रम सिंह ने आगे बताया कि अनुसूचित एवं विमुक्त जाति के परिवार का नाम बीपीएल सूची में है तो उसको मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के अंतर्गत 71 हजार रुपए की धनराशि का लाभ मिलेगा। सभी वर्गों की विधवा महिलाएं, बेसहारा महिला, अनाथ बच्चे, बीपीएल सूची में है या उनकी आय एक लाख 80 हजार रुपए से कम है तो उनको इस योजना में 51 हजार रुपए की धनराशि का अनुदान दिया जाएगा।
वहीं बीपीएल सूची में सामान्य या पिछड़े वर्ग के परिवार को 31 हजार रुपए की धनराशि का अनुदान मिलेगा। इसी तरह अनुसूचित वर्ग या विमुक्त जाति का परिवार बीपीएल सूची में नहीं है और जिनकी वार्षिक आय एक लाख 80 हजार रुपए से कम है, उनको 31 हजार रुपए की धनराशि का अनुदान दिया जाएगा।
डीसी विक्रम सिंह ने बताया कि विवाहित युगल चालीस प्रतिशत या इससे ज्यादा दिव्यांग है तो उन्हें 51 हजार रुपए की धनराशि और पति-पत्नी में से एक जन चालीस प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांग है तो उसको 31 हजार रुपए की धनराशि की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
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